खलारी - अजब सीसीएल की गजब कहानी रोज सामने आती ही रहती है. इस कड़ी में हम बात करेंगे खलारी स्थित एनके एरिया की जहां पर प्राइवेट कंपनियों के काम के लिए सीसीएल का क्रेन भेजा जाता है और उन से मात्र 1 घंटे का किराया लेकर कई घंटे काम किया जाता है. रोहिणी परियोजना में वर्तमान में एक क्रशर लगाया जाना है. जिसके लिए पूरी तरह से प्राइवेट कंपनी को ठीका मिला है. क्रशर के लिए बड़ी गाड़ी यानी ट्रेलर पर समान आया हुआ है जिसे उतारने के लिए सीसीएल के क्रेन का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसमें एक रोचक तथ्य है शुक्रवार को क्रेन केडीएच से दोपहर 3:00 बजे काम के लिए निकली थी. इसके लिए प्राइवेट कंपनी ने ₹5900 जमा कराए थे. लेकिन क्रेन वहां पर 3 घंटे 5 मिनट तक चलती रही. प्राइवेट कंपनियों में 40 टन क्रेन का किराया वर्तमान में 72 सो रुपए घंटे हैं. लेकिन केडीएच प्रबंधन महंगाई के इस दौर में जब डीजल ₹100 प्रति लीटर होने को है उसमें भी मात्र ₹5900 घंटे जिसमें जीएसटी भी शामिल है उस दर से मात्र 1 घंटे का ही भाड़ा लेकर किसी भी प्राइवेट कंपनी का पूरा काम कर देती है. इस खेल में लगे विभाग के अधिकारी तो मालामाल हो रहे हैं लेकिन एनके एरिया को लाखों का नुकसान हो रहा है. शनिवार को भी क्रेन रोहनी जाएगी और काम करेगी. अब सवाल उठता है कि आखिर इस तरह की मशीनों का गलत इस्तेमाल कब से किया जा रहा है. जो अपने व्यक्तिगत हित के लिए फायदा तो उठा रहे हैं लेकिन कंपनी के लिए लाखों का नुकसान कर रहे हैं. सूत्रों की माने तो काम कराने वाली प्राइवेट कंपनियां अधिक घंटे तक क्रेन चलने के एवज में अधिकारियों को मैनेज करती है. यही कारण है कि प्राइवेट कंपनियों के काम के दौरान वहां पर इस विभाग से जुड़े सभी बड़े अधिकारी घंटों स शरीर उपस्थित रहते हैं.