स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: एक सफल इंजीनियर, एक विधायक और दो बार के सांसद अभिजीत मुखर्जी ने अपने दिवंगत पिता प्रणब के साये से एक लंबा सफर तय किया है। उन्होंने अपने पिता प्रणब को करीब से देखकर राजनीति में महारत हासिल की है। केंद्र सरकार की एजेंसियों में एक वरिष्ठ पद पर नौकरि करने के बाद अभिजीत ने नलहाटी से अपना पहला चुनाव जीता और बंगाल में विधायक बने। फिर उसे वापस नहीं जाना पड़ा। वह जंगीपुर में दो बार जीते और कांग्रेस सांसद बने। लेकिन बंगाल में कांग्रेस कमेटी ने जिस तरह से काम किया है, उससे अभिजीत का मोहभंग हो गया है। वामपंथियों के साथ कांग्रेस के गठजोड़ और भटकाव और पीसीसी अध्यक्ष की मनमानी ने उनका और भी मोहभंग कर दिया है। अभिजीत ने आखिरकार राजनीति में एक नई पारी के लिए तृणमूल में शामिल होने का फैसला किया है।