राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज़, सालानपुर : एक तरफ आधुनिक तकनीक दुसरी तरफ कोरोना की मार। कोरोना के कारण हस्तशिल्प के बाजार मे मंदी का दौर चल रहा है। हाथ से बने पंखो मोढ़ा आदि की बिक्री पहले जैसी नही है। आधुनिक युग मे हस्तशिल्प से बने फर्नीचर की बिक्री ना के बराबर है। एक तो इस व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए दो जुन की रोटी की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा था उस पर कोरोना की मार। गांव गांव घुमकर भी इनके सामानो कि बिक्री नही हो रही है। इनका कहना है कि कोरोना के कारण इनको गांव मे घुसने तक नही दिया जा रहा है। आजकल प्लास्टिक के सामान की कद्र काफी बढ़ गयी है। धान की कटाई मे हाथ से बनी चीजो की मांग थी मगर अब मशीन के सहारे धान की कटाई होने से इन चीजों की मांग कम हो गयी है। यह हस्तशिल्प के कलाकार मछली पकड़ने का सामान भी बना रहे हैं। कांकसा के मलानदिघि ग्राम पंचायत के अधीन मलानदिघि डोमपाडा मे सरकारी प्रशिक्षण प्राप्त कई हस्तशिल्प कलाकार है। इनके अलावा भी 50 ऐसे कलाकार है। यह सभी एक साथ बैठकर अपने हाथों से सामान बनाते है और बाजार मे बेचने आते हैं। किसी दिन बिक्री होती है तो किसी दिन नही होती। इनको कोई सरकारी सहायता ना मिलने से इनके लिए गुजारा करना मुश्किल हो रहा है। एक तरह से इनको फाके करने पड़ रहे हैं। मलानदिघि ग्राम पंचायत के प्रधान पीयुष मुखर्जी ने कहा कि राज्य सरकार इन हस्तशिल्प से जुड़े कलाकारों की पुरी देखभाल करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन कलाकारों के लिए हर संभव प्रयास करेगी।