नीमडीह प्रखंड कार्यालय परिसर में एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।नीमडीह प्रखंड कृषि पदाधिकारी हेमचंद्र महतो ने कुसुम योजना की जानकारी गांव के किसान को दी। गांव के किसान बेकार पड़े खेत को काम में लाकर अपनी आय को दूगूनी कैसे की जाए । किसान की खेत में निशुल्क पानी की सुविधा दी जाएगी। इस लिए सोलर मोटर के माध्यम से खेत में कुआँ, नदी से खेत में पानी मुहैया किया जाएगा ।रांची से सम्युवयक , संतोष कुमार,संजय महतो, शंकर सिंह,सोहन सिंह,खगेन्द्र नाथ महतो आदि लोग उपस्थित थे।
दिवहीं लीड्स संस्था के तकनीकी कर्मी अमित ने किसानों को बताया कि सघन कृषि एवं अधिक लाभ कमाने के लिए खेती में अत्यधिक रसायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों, खरपतवार नाशियों, वृद्धिकारकों (हार्मोन्स) का उपयोग करने से मृदा एवं मानव स्वास्थ्य में गिरावट आ गई है । पर्यावरण का निरन्तर ह्रास हो रहा है। जिससे कैंसर, हार्ट अटैक, लो बीपी, हाई बीपी जैसी कई गम्भीर बीमारियां हो रही है। रासायनिक खेती एवं मशीनीकरण से खेती की लागत बढ़ रही है, वहीं कृषकों को अपनी मेहनत का लाभ नहीं मिल रहा है। स्वस्थ जीवन के लिए जैविक कृषि क्रियाएं अपनाना ही एक मात्र विकल्प है।