कांडी : थाना क्षेत्र के बीपीएम पब्लिक स्कूल ढबरिया में अध्ययनरत एक मासूम छात्र की गृहकार्य पूर्ण नहीं करने पर शिक्षिका द्वारा बेरहमी से पिटाई की गई है।
इस संबंध में छात्र आयुष कुमार के चाचा रतनगढ़ गांव निवासी आनंद कुमार यादव ने कहा कि उक्त विद्यालय में आयुष यूकेजी का छात्र है। शिक्षिका रेखा ने बच्चे की छड़ी से बेरहमी से पिटाई की है। उन्होंने बताया कि शनिवार को जब विद्यालय के प्रधानाध्यापक से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने भय दिखाते हुए कहा कि जहां जाना है, वहां जाओ। मैं समझ लूंगा। सवाल यह है कि सरकार का सख्त निर्देश है कि किसी सरकारी व गैर सरकारी विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की पिटाई नहीं करनी है।
शिक्षक का कार्य मनोवैज्ञानिक तरीके से शिक्षा प्रदान कर बच्चों का भविष्य उज्जवल बनाना है। लेकिन यहां तो बच्चों की बेरहमी से पिटाई की जा रही है। अधिक पिटाई से बच्चे मायूस होकर मानसिक संतुलन भी खो सकते हैं। लेकिन इससे शिक्षकों को कुछ लेना-देना नहीं है।
इस संबंध में बात करने विद्यालय पहुंचे पत्रकारों के साथ विद्यालय के संचालक अरविंद कुमार मेहता ने अच्छा बर्ताव नहीं किया और न ही संतोष जनक जवाब दिया। प्रतीत हो रहा था कि वे उलझ पड़ेंगे। उन्होंने शुरू में तो कैमरा भी बंद करने को कहा। उन्होंने कहा कि शिक्षिका ने गलती की है। समझा-बुझा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्कूल का रजिस्ट्रेशन नहीं है, यू-डायस है।
हालांकि शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारियों द्वारा बिना मान्यता के प्राइवेट स्कूलों पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा।
कांडी प्रखण्ड में दर्जनों प्राइवेट स्कूल अवैध रूप से चल रहे हैं। जिसका कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है। मनमाने तरीके से पैसे की उगाही की जा रही है। यदि समय रहते प्राइवेट स्कूलों पर शिकंजा नहीं कसा गया तो गरीब, मजदूर, किसान के बच्चों से पढ़ाई व प्राइवेट स्कूल के नाम पर यूं ही पैसे की लूट होती रहेगी। वर्तमान समय में पढ़ाई लिखाई को व्यवसाय बना लिया गया है। हालांकि सरकारी विद्यालय में बच्चों के लिए अच्छी व्यवस्था की गई है। इसके बावजूद भी अभिभावक अच्छी शिक्षा के लोभ में फंसते जा रहे हैं।
इस संबंध में पूछे जाने पर डीईओ कैशर रजा ने कहा कि इस मामले पर संज्ञान लिया जाएगा। साथ ही अवैध चल रहे प्राइवेट स्कूलों पर अंकुश लगाने के लिए जल्द ही लेटर जारी किया जाएगा।