गढ़वा : नगर परिषद अध्यक्ष पिंकी केशरी के विरूद्ध दर्ज आपराधिक मुकदमें में जिला व्यवहार न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया है। पिंकी केशरी की ओर से 16 जुलाई 2024 को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश शरण सिंह की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर किया गया था। इस पर 18 जुलाई को पहली बार सुनवाई हुई थी। इसके बाद आठ अगस्त को न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर आदेश को सुरक्षित रख लिया था। जबकि शुक्रवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश शरण सिंह की अदालत ने पिंकी केशरी की अग्रिम जमानत को खारिज कर दिया। पिंकी केसरी की ओर से अधिवक्ता गिरीश कृष्ण सिंन्हा एवं नगर पंचायत में वित्तीय गड़बड़ी के मामले को झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर उसे उजागर करने वाले सूचक अनिल कुमार पांडेय की ओर से अधिवक्ता संजीव कुमार पांडेय ने पैरवी की।
बता दें कि वर्ष 2015 में गढ़वा नगर परिषद गढ़वा में टाउन हाल व बस स्टैंड के जीर्णोद्धार, डस्टबीन (ड्रम) व एलइडी लाइट आदि के खरीद के मामले में व्यापक रूप से गड़बड़ी हुई थी। इसमें तत्कालीन नगर पंचायत उपाध्यक्ष अनिल कुमार पांडेय के आंदोलन करने के बाद गठित जांच कमेटी ने तत्कालीन नगर पंचायत अध्यक्ष पिंकी केसरी, उनके पति संतोष केसरी, कार्यपालक पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता आदि को दोषी बताया था। इस मामले की जांच तत्कालीन उपविकास आयुक्त श्रीराम तिवारी की अध्यक्षता में प्रशिक्षु आइएएस सुशांत गौरव एवं भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता हरिश्चंद्र चाकिदीगी की त्रिस्तरीय कमेटी ने की थी। जांच रिपाेर्ट में प्राक्कलन बढ़ाकर बनाने, बिना बोर्ड की स्वीकृति के सामग्री खरीदने, ऊंची कीमत पर सामान खरीदने का जिक्र करते हुए कार्रवाई की अनुशंसा की गई थी।
लेकिन जांच रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। तब अनिल कुमार पांडेय ने उक्त मामले को लोकायुक्त के पास ले गए।
वहां से फिर झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर किया। जिसके बाद झारखंड उच्च न्यायालय ने वित्तीय गड़बड़ी के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया था। इसके बाद नगर परिषद गढ़वा के कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार ने गढ़वा थाना में पिंकी केशरी एवं अन्य के विरुद्ध पांच जुलाई 2024 को 360/2024 पर भादवि की धारा 420/423/34 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पिंकी केशरी ने जिला व्यवहार न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर किया था।