मझिआंव : बरडीहा थाना क्षेत्र के आदर गांव में 46 दिन पूर्व में अनुसूचित जनजाति की गर्भवती महिला समेत पूरे परिवार के साथ हुई मारपीट मामले में अभी तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस मामले को झारखंड सरकार अपराध अनुसंधान विभाग रांची द्वारा संज्ञान लिया गया है। वहीं विभाग के ज्ञापांक/ 94/सामान्य अपराध शाखा/(एससी/एसटी) के द्वारा प्रभारी सीआईडी टीम गढ़वा को पत्र लिखकर निर्देश जारी करते हुए कहा गया है कि बरडीहा थाना कांड संख्या 35/24 दिनांक 07 जुन 2024, धारा 147/148/341/325/354(बी)/436/504/506/भादवि एवं अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत दर्ज प्राथमिकी के वांक्षित अभियुक्त आदर गांव निवासी आशिक अंसारी, गुड्डू अंसारी, ईशा अंसारी, इशाक अंसारी, मुर्तजा अंसारी, अली अंसारी, इमाम अंसारी एवं फारूक अंसारी को गिरफ्तार करने के लिए लिये पीड़िता शांति देवी द्वारा पत्र प्राप्त है।
विभाग द्वारा एक सप्ताह के अंदर जांच कर प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया गया है।
बताते चलें कि 06 जून 2024 को बरडीहा थाना क्षेत्र के आदर गांव में भूमि विवाद को लेकर अनुसूचित जनजाति की गर्भवती महिला एवं उसके पति सभय रजवार समेत परिवार के आधा दर्जन लोगों को गांव के ही आशिक अंसारी, गुड्डू अंसारी, ईशा अंसारी एवं इशाक अंसारी सहित लगभग एक दर्जन लोगों ने मारकर घायल कर दिया और उसके झोपड़ी में आग लगा दी थी। साथ ही ट्रैक्टर से पीड़ित परिवार की भूमि को जोतकर अपने कब्जे में भी ले लिया। जिसकी प्राथमिकी शांति देवी देवी द्वारा बरडीहा थाने में दर्ज कराई गई है।
इधर इस संबंध में पीड़ित परिवार की महिला शांति देवी ने बताया कि उसके एवं परिवार के लोगों के साथ साथ मारपीट करने वाले काफी दबंग लोग हैं और उनकी प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंच है और उन लोगों के द्वारा अपनी पहुंच का उपयोग कर इस मामले को रफा दफा करने में लगे हुए हैं।
उसने कहा कि यही कारण है कि प्राथमिकी दर्ज करने के 46 दिन गुजर जाने के बाद भी अभी तक न तो जांच हुआ और न किसी की गिरफ्तारी हुई है। शांति देवी ने बताया कि उसके परिवार को बार बार धमकी मिल रही है। जिसके कारण वे सभी दहशत में जी रहे हैं। कहीं से न्याय नहीं मिलने के बाद उसने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, पुलिस महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक रांची झारखंड सरकार, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग रांची सहित गढ़वा जिला स्तरीय सभी पदाधिकारियों को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगायी है।
इस संबंध में पुलिस निरीक्षक सुनील तिवारी ने दूरभाष पर बताया कि यह अनुसूचित जाति का मामला है, जिसे वरीय अधिकारियों द्वारा जांच किया जाता है। इस मामले के बारे में उन्हें ज्यादा मालूम नहीं है।