कांडी : भीम बराज से सुंडीपुर जाने वाली बांई मुख्य नहर टूट जाने से लगभग 22 बिघा जमीन जलमग्न हो गया। जानकारी के अनुसार शनिवार को कोयल नदी भीम बराज में पानी आया और पानी जमाव होने के बाद किसानों में खुशी देखी गई।
रविवार को बांई मुख्य नहर में पानी भी छोड़ा गया। ताकि किसान धान का बीज बो सकें। जिससे कांडी क्षेत्र के किसान में दोगुना खुशी हुई। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिरो से लेकर 3 किलोमीटर तक निर्माणाधीन नहर में कार्य नहीं होने के कारण कहीं कहीं का काफी झाड़ी हो चुका है। और सुखे सथान (झलांस) लगने के कारण नहर जाम हो गया। और नहर के गेट खुलने के महज कुछ ही घंटे के बाद रविवार के रात्रि में भीम बराज से लगभग दो सौ मीटर की दूरी पर लगभग दस फीट की दुरी में नहर टुट गया।
कांडी प्रखंड क्षेत्र के भंडरिया गांव के लगभग 18 बिघा और मझिआंव प्रखंड क्षेत्र के मोरबे गांव के लगभग 4 बिघा जमीन डूब कर जलमग्न हो गया।
जानकारी के अनुसार नहर निर्माण कार्य लगभग चार वर्षों से किया जा रहा है लेकिन अभी तक अधुरा है। जिस कारण भंडरिया से सुंडीपुर तक के किसानों को इस तरह के समस्याओं से निरंतर जुझना पड़ रहा है।
भंडरिया एवं मोरबे के किसान रामयश सिंह, प्रवेश सिंह, महेन्द्र सिंह, राजेंद्र सिंह,प्रभु सिंह,मंगरू रजवार, नंदलाल रजवार सहित अन्य किसानों एवं बटईदारों ने कहा कि नहर निर्माण कार्य अधुरा रहने और साइफन नहीं बनने के कारण प्रत्येक वर्ष हम सभी किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। पिछले दो वर्ष पूर्व भी नहर टुटने और पिछले वर्ष भी वर्षा के पानी का जल जमाव होने के कारण धान का फसल डुब चुका था।
जिससे काफी फसल का नुकसान हो गया था। लोगों ने कहा कि अगर साइफन और नहर बन गया होता तो आज यह नौबत नहीं होता। नहर टुट जाने से भंडरिया से सुंडीपुर तक के किसानों को पानी मिलने का उम्मीद नहीं दिख रहा है।
इस संबंध में पूछे जाने पर नहर विभाग के कनीय अभियंता हेमंत कुमार ने बताया कि नहर टुटने की जानकारी मिली है और जल्द ही उसे रिपेयर किया जाएगा।