रमना : प्रखंड में खाद बीज अनुज्ञप्ति धारी खुलेआम उर्वरक क़ानून की धज्जिया उड़ा रहे हैं। रमना कृषि पदाधिकारी कुम्भकर्ण की नींद ले रहे है। केवल जलेबी के गंध से ही इनकी नींद खुलेगी और जलेबी चट कर झट से निंद्रासन में चले जाते है। इस प्रखंड में खाद बीज के दर्जनों दुकान है जो खुले-आम उर्वरक अधिनियम 1985 का मजाक उड़ा रहे है।
इस अधिनियम के अन्तर्गत जो भी अनुज्ञप्तिधारी खाद बीज दुकानदार वो सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य 266 रूपये में कभी खाद बेचते ही नहीं है। निर्धारित मूल्य से दोगुने मूल्य पर बेच रहे है। दुकान का नाम अनुज्ञप्ति नंबर, मूल्य सूची, डीलर का नाम और स्टॉक सूची दीवार पर दुकान के बाहर अंकित करना है लेकिन किसी भी दुकान पर उक्त विवरणी अंकित नहीं है।
जबकि लगभग सभी दुकान मुख्य सड़क पर है। रमना प्रखंड कृषि पदाधिकारी का आवागमन इसी मार्ग से होता है। फिर भी दुकानदार पर कोई फर्क नहीं पड़ता।
गत दिन जिला क़ृषि पदाधिकारी मेसर्स गुप्ता ट्रेडर्स दुकानों का जांच भी किए। इसके लिए स्पष्टीकरण भी मांगा और दुकान से जांच के चार सैंपल भी उठा कर नमूना अपने साथ लेते गए। उसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी है। अभी किसानों को यूरिया खाद की आवश्यकता है। जिसका फायदा खाद रमना विक्रेता खूब उठा रहे हैं। निर्धारित मूल्य से दोगुने मूल्य पर किसानों को खाद बेच रहे हैं।
किसान दिलीप कुमार मेहता ने बताया कि मैं यूरिया खाद लेने गया तो मूल्य से दोगुना रूपये मुझसे लिया गया। एक बोरा खाद दिए और तीन बोरा बही में अंकित किया गया।
इतना ही नहीं बिल मांगने पर मुझे भरा भला बुरा भी बोला गया।
इस सम्बन्ध में जिला कृषि पदाधिकारी शिवशंकार प्रसाद ने कहा कि उर्वरक अधिनियम का पालन नहीं करने वाले पर जांचोपरान्त कार्रवाई होगी।