जनता ने पूर्व विधायकों गिरिनाथ सिंह और सत्येन्द्रनाथ तिवारी को जबरन रिटायर्मेंट दिया
रमकंडा/गढ़वा : जनता ने पूर्व विधायक गिरिनाथ सिंह और सत्येन्द्रनाथ तिवारी को वीआरएस स्कीम की तरह जबरन रिटायर्मेंट दे दिया है। बिना किसी ठोस मुद्दा और कारण के दोनों विधायक अंतिम महीनों में प्रकट होकर गांव-गांव घूमकर जनता को बहलाने में लगे हुए हैं। जब जनता ने उन्हें काम करने की जिम्मेदारी दी, तब ये सत्ता सुख और व्यापार बढ़ाने में लगे रहे। अब जब जनता ने सत्ता छीन ली है, तब भ्रमित करने चले हैं।
सत्येन्द्रनाथ तिवारी की बात कोई गंभीरता से नहीं लेता, क्योंकि वे चुटकुले सुनाने और मसखरी करने के लिए जाने जाते हैं। उनके भाषणों में कोई सलाह, सुझाव या विकास की बात नहीं होती, सिर्फ भैयाजी और बालू का ही जिक्र रहता है।
वहीं, गिरिनाथ सिंह किससे और कैसा परिवर्तन चाहते हैं? उनके कार्यकाल में जनता नक्सलियों को खाना खिलाकर आजिज आ चुकी थी। विकास की योजनाएं चार बार सूची बदलने के बाद पास होती थीं। पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार के नाम पर समाहरणालय में बुलाकर अपनी राजनीति चमकाने की कोशिशें भी नाकाम रहीं।
गिरिनाथ सिंह जब भाजपा की सदस्यता ली तो उसे अपना पुश्तैनी घर बताया था, फिर राजद में गए तो उसे असली घर कहा। उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि वे किस दल में हैं और किस दल से चुनाव लड़ेंगे। राजद में बने रहने के बावजूद वे महागठबंधन की सरकार और मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों के विरुद्ध बयानबाजी करते हैं, उन्हें पहले राजद से इस्तीफा देना चाहिए।
मंत्री मिथिलेश ठाकुर के साढ़े चार साल के कार्यकाल में से डेढ़ साल कोरोना के कारण व्यर्थ गया।
बाकी तीन सालों में किए गए जनहित के काम और उनके लाभ की सूची बनायें तो इन दोनों पूर्व विधायकों के चुनाव में आने की इच्छा खत्म हो जाएगी। नेताओं की आत्मा पूछेगी कि क्या सही है?
मौके पर युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष संजय सिंह, रमकंडा बीस सूत्री अध्यक्ष राजकिशोर यादव, पूर्व जिप सदस्य गायत्री गुप्ता, प्रखंड अध्यक्ष दिनेश गुप्ता सहित अन्य लोग उपस्थित थे।