गढ़वा : मंगलवारीय 500वां साप्ताहिक सुंदरकांड पाठ मानस मण्डली गढ़वा द्वारा राम जन्मभूमि के यज्ञ मंडपम में भव्यता और दिव्यता के साथ संपन्न हुआ। मण्डली के 261 सदस्य जब भगवा पारंपरिक वस्त्रों में एक साथ मंडप में प्रवेश किए तो उनकी शोभा और उत्साह अप्रतिम प्रतीत हो रहा था। मन्दिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों की देख-रेख में हो रहे कार्यक्रम में सर्वप्रथम वीआईपी मार्ग से सभी सदस्यों को भगवान रामलला का दर्शन कराया गया।
उसके बाद पवित्र यज्ञ मंडप में, जहां रामलला की मूर्ति स्थापना का कार्यक्रम संपन्न हुआ था, उसी स्थान पर राम दरबार और रामलला की सुंदर तस्वीर के समक्ष विद्वान आचार्य प्रपनाचार्य जी एवं पंडित ऋषभ देव जी के वैदिक मंत्रों के साथ खोडशोपचार विधि से पूजा संपन्न हुई।
इसके बाद मानस विभूतियों द्वारा मंगलाचरण और हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। तत्पश्चात् समवेत स्वर में सुंदरकांड पाठ का प्रारम्भ हुआ।
पाठ के दौरान सभी लोग पूरी तन्मयता से झूमते नजर आए। श्रद्धा और विश्वास का अद्भुत नजारा देखने को मिला क्योंकि मानस मण्डली का यह कार्यक्रम एक स्वप्न के सच होने जैसा था। राम जन्म भूमि ट्रस्ट के पदाधिकारियों को भी यह कार्यक्रम काफी प्रभावित किया। स्वयं ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इस कार्यक्रम की सराहना की।
चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर पूर्ण होने में करीब दो साल का समय और लगेगा। रामदरबार, जटायु, शबरी, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त आदि ऋषियों सहित कुल उन्नीस मंदिर बनने वाले हैं। राम मंदिर के मुख्य गर्भगृह में पांच वर्षीय बालक श्रीराम की ही मूर्ति स्थापित करने का निर्णय लिया गया क्योंकि उस समय सीता माता का पदार्पण अयोध्या धाम में नहीं हुआ था।
मिथिलावासी की नाराजगी को शास्त्रीय ढंग से विद्वानों द्वारा दूर किया गया।
श्री चंपत राय ने मंदिर की गुणवत्ता और भावी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि अभियंताओं की टीम ने मंदिर को एक हजार साल के लिए सुरक्षित बनाया है। इसके लिए बहुत बड़ा मापदंड अपनाया गया है। हवा, धूप, सीलन और भूकम्प से सुरक्षित रखते हुए तथा दर्शनार्थियों की सुगमता को ध्यान में रखते हुए मंदिर का निर्माण कराया गया है। संगमरमर मकराना से, स्टोन भरतपुर राजस्थान से तथा ग्रेनाइट कर्नाटक से मंगवाया गया है।
मानस मण्डली के संयोजक द्वारिकानाथ पाण्डेय ने मण्डली के इतिहास और उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहा कि यह पूर्णतः निशुल्क 11 वर्षों से कार्यक्रम कराते हुए आया है।
इसका एकमात्र उद्देश्य सनातन धर्म का प्रचार प्रसार है। यह बहुत ही संयोग की बात है कि राम मंदिर 500 वर्षों के संघर्ष के बाद पूर्ण रूप ले रहा है और गढ़वा का सुंदरकांड मानस पाठ का भी यह 500वां आयोजन है। मुख्य गायक अरुण दुबे ने कहा कि आज हम लोगों के आराध्य भगवान की जन्मभूमि पर सुंदरकांड का गायन करके धन्य हो गए।
मण्डली के सभी सदस्यों का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि सभी के सामूहिक प्रयास से ही यह संभव हो सका है। संरक्षक मण्डल के रासबिहारी तिवारी, बनारसी पाण्डेय और प्रो. प्रहलाद पाण्डेय ने जन्मभूमि ट्रस्ट द्वारा पूजन सामग्री की व्यवस्था के साथ चाय जलपान की व्यवस्था के लिए आभार जताया। कार्यक्रम के मुख्य सूत्रधार धर्मगुरु रामकुमार पाण्डेय एवं कैप्टन बीएन मिश्रा को साधुवाद दिया।