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जंगल काटने से रोकने में मातृशक्ति को जागरुक होना जरुरी : फुलचंद

location_on नावाडीह access_time 02-Feb-21, 08:28 AM

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जंगल काटने से रोकने में मातृशक्ति को जागरुक होना जरुरी : फुलचंद नावाडीह प्रखंड के भलमारा, सारुबेड़ा, अमझर, बारीडीह, जम्मुनपनियां आदि जंगल से पेड़ों की हो रही कटाई को रोकने के लिए समाजसेवी फूलचंद किस्कु ग्रामीणों के संग जंगल बचाने को लेकर मंत्रणा कर लोगों को जागरुक किया गया । साथ ही बेवजह जंगल की कटाई नहीं करने एवं जंगल को हरा भरा रखने में मदद करने की बात कही । फूलचंद किस्कू ने कहा कि प्रकृति को बचाना हम सबका दायित्व है। जंगल की हो रही अंधाधुंध कटाई से प्रकृति को काफी नुकसान हो रहा है । यदि समय रहते इस पर रोक लगाने की पहल नही किया गया तो हम सबको काफी नुकसान होगा। जंगल हमेशा मानव जाति को समय-समय पर कुछ न कुछ देती रहती है । लेकिन हम अपनी निजी स्वार्थ के लिए नित्य जंगल को उजाड़ते जा रहे हैं । जो आने वाले समय में घातक सिध्द होगा। जंगल बचाने के लिए मातृशक्ति को जागरूक होने की जरुरत है । इस दौरान दासो किस्कू, चुनू टुडू, बाबूचंद हेम्ब्रम, नेमचंद महतो, मतला मरांडी, अकला माँझी, छोटवा माँझी, बीरेन्द्र हेम्ब्रम, दिनेश महतो, सन्नू किस्कू, सुरेन्द्र हेम्ब्रम अजय मरांडी आदि उपस्थित थे ।



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