श्री बंशीधर नगर-प्रखंड के पाल्हे जतपुरा ग्राम में श्री श्री जीयर स्वामी जी महाराज के द्वारा कराए जा रहे श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ के चौथे दिन यज्ञ स्थल पर अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन का आयोजन किया गया.धर्म सम्मेलन में देश के महान धर्माचार्य उपस्थित रहे.धर्म सम्मेलन में श्री श्री जीयर स्वामी जी महाराज ने कहा कि श्रीरामानुजार्य स्वामी जी की सहस्राब्दी स्मृति महोत्सव के उपलक्ष्य में यह धर्म सम्मेलन आयोजित है.जो हमें अच्छी बात सिखाये वो सनातन धर्महै.सनातन धर्म हमें जीव न को उदात्त बनाने की हर बात सिखाता है.हम श्रेष्ठ मनुष्य बन कर आत्म कल्याण व समाज का कल्याण कर सके उसी के लिये ये धर्मायोजन है.
तमिलनाडु काँची से पधारे स्वामी श्रीश्रीनिवासाचार्य श्रीगादी स्वामी जी के द्वारा दीप प्रज्वलन कर धर्म सम्मेलन का शुभारंभ किया गया.अपने वक्तव्य मे उन्होंने कहा कि श्रीरामानुजाचार्य स्वामी जी भक्ति आंदोलन के श्रेष्ठ आचार्य हुये जिन्होंने विशिष्टाद्वैत जैसा सिद्धांत मानव मात्र के कल्याण के लिये बतलाया.मानव मात्र ईश्वर को प्राप्त करने का अधिकारी है मानव-मानव में कोई भेद नहीं है सब ईश्वर की संतान हैं और हर कोई ईश्वर को पाने का अधिकारी है.ईश्वर को पाने का सबसे सरल मार्ग भक्ति मार्ग है,और उसी का प्रचार प्रसार श्रीजीयर स्वामी जी कर रहे हैं.
दक्षिण भारत तमिलनाडु से ही पधारे स्वामी श्री अनन्ताचार्य बालक स्वामी जी ने कहा कि सेवा को अपनाकर सहज ही मोक्ष का भाजन हुआ जा सकता है.
स्वामी हरिप्रकाश जी महाराज ने कहा कि -सनातन धर्म के विना शान्ति नहीं मिलती ,प्रेम और भक्ति की बात सनातन धर्म ने सिखलाया.
स्वामी हरि ओम प्रकाश जी महाराज ने कहा कि रामानुजीय परम्परा का सिद्धांत प्रत्येक मानव के अनुकरणीय है.
स्वामी स्वरूपदास जी महाराजने कहा कि सनातन धर्म के संपोषक रामानुज स्वामी जी ने जो प्रपत्ति का मार्ग बतलाया वो ईश्वर को पाने का सबसे सरलतम मार्ग है.
इस्कॉन टेम्पल कोलकाता से आये श्रीसुभग बलरामदास जी ने कहा कि -श्रीसम्प्रदाय में जो सेवा भाव है वो हर किसी को सीखना चाहिये.भक्तजन सेवा मात्र अपना कर के हम ईश्वर के प्रिय हो सकते हैं.अयोध्या से आये जगद्गुरु रामानुजार्य रत्नेश प्रपन्नाचार्य जी ने कहा कि -सनातन धर्म को कोई मिटा नहीं सका मिटाने वाले मिट गये ..।