गढ़वा गढ़वा जिले में मनरेगा में भ्रष्टाचार चरम पर है जिले के लोग भले ही पलायन करते हो पर गढ़वा में मनरेगा की तमाम योजना में कमीशन खोरी चरम पर है उक्त बातें जिला परिषद उपाध्यक्ष सत्यनारायण यादव ने कहा उन्होंने कहा कि गढ़वा जिले में कई गरीब परिवार मनरेगा योजना पर निर्भर है लेकिन आज मनरेगा योजना में इतना भ्रष्टाचार हो गया है मनरेगा योजना से धीरे-धीरे दूरी बनाने लगे हैं पिछले दिनों ही रंका जिला परिषद रंका बीपीओ द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार को उन्होंने रखा लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है क्योंकि प्रखंड से लेकर जिला मुख्यालय तक तमाम अधिकारी भ्रष्टाचार में संयुक्त है जो लोग गुजरात में मजदूरी कर रहे हैं उनका भी यहां मास्टर रोल के माध्यम से पैसे की निकासी किया जा रहा है कुआं में 30 से ₹40000 का रिश्वत लिया जा रहा है प्रत्येक टीसीबी में ₹5000 लिया जा रहा हैं प्रखंड कर्मी पैसे की उगाही कर रहे हैं
उधर जिला परिषद मेराल के प्रतिनिधि करीब अंसारी मनरेगा में भ्रष्टाचार चरम पर है गरीबों को रोजगार देने के बजाय जेसीबी के माध्यम से काम कराया जा रहा है उसके कारण गरीबों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है पंचायत में रोजगार सेवक से लेकर ऑपरेटर पंचायत सेवक सभी बीपीओ पैसे की उगाई कर रहे हैं उसके कारण आम आवाम काफी परेशान है उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता पूर्वक जांच कर दोषी पदाधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए
मंझिआव जिला परिषद सदस्य धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि प्रखंड कार्यालय में बिना पैसे का कोई भी काम नहीं होता है रिश्वत का बोलबाला है तमाम योजना में भ्रष्टाचार चरम पर है सभी मामले को अधिकारियों के समक्ष रखा जाता है उसके बाद भी कुछ नहीं किया जाता जिला परिषद सदस्य की बात सुनने वाला कोई अधिकारी नहीं है जब भी हम लोग अपनी समस्या को रखते हैं तो उसे समस्या को भी दबाया जाता है बड़े अधिकारी पदाधिकारी मामले को दबाने का प्रयास करते हैं उन्होंने कहा कि मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया तो आगे हम लोग उग्र आंदोलन भी करेंगे