विशुनपुरा : विदित हो की गत गुरुवार दिनांक 12 अक्तूबर को विशुनपुरा ब्लॉक प्रमुख दीपा कुमारी विशुनपुरा प्रखंड सह पंचायत में स्थित राजकीय मध्य विद्यालय विशुनपुरा के बच्चो की स्कूल में पढ़ाई न होने ,बच्चो के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करने की लिखित शिकायत ब्लॉक प्रमुख को मिली थी जिसकी सत्यता की जांच के लिए प्रमुख उक्त स्कूल पहुंची तो अधिकांश शिक्षक स्कूल के ऑफिस में बैठकर गप कर रहे थे प्रमुख को आते देख आनन फानन में सभी शिक्षक अपने अपने क्लास में गए।इसके बाद ब्लॉक प्रमुख एक के बाद एक सभी क्लास रूम में गई बच्चो से मिली और बात की उनकी समस्याएं सुनी तो पता चला की मैथ्स ,विज्ञान और हिंदी के अलावा कोई विषय की पढ़ाई अभी शुरू नहीं हुई है शर्मनाक स्थिति है सभी सरकारी स्कूल की समय 5 महीने बीत गए पर कई विषय की क्लास अभी तक शुरू नही हो पाई है और जो विषय शुरू है वह भी संतुष्टजनक नही है वही बच्चो के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है बच्चो की जिंदगी संवारने वाला स्कूल संस्थान बच्चो की जिंदगी बर्बाद करने वाला संस्थान साबित हो रहा है इससे देख प्रमुख दीपा कुमारी भड़क गई और बोली हर क्लास में पीरियड वाइज क्लास चलना चाहिए किसी भी कीमत पर बच्चो के भविष्य के साथ मेरे रहते अन्याय नहीं होगा और बच्चो को हर संभव बेहतर माहौल देने का कोशिश करने की कराने की जिम्मेवारी हमारी है और जगह और प्रखंड में क्या होता है क्या हो रहा है कैसे हो रहा है मुझे नहीं पाता। बस हम जानते हैंजो हमारे यहां हो रहा है वह सही नही हो रहा है । हमारे प्रखंड से संबंध रखने वाले अधिकारी, पदाधिकारी, सरकारी कर्मी हमारे प्रखंडवाशियो को हमारे प्रखंड के विद्यार्थियों को सही समय पर समय के रिस्पेक्ट में हर क्लास के बच्चो को कोर्स स्कूल द्वारा पूरा करवाने का आश्वस्त दे वरना शिक्षा विभाग और स्कूल प्रशासन के खिलाफ हम सभी जनप्रतिनिधि चरणबद्ध आंदोलन करने पर विवश होंगे किसी भी जिम्मेवार शिक्षक पदाधिकारी को बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की आजादी नहीं दी जा सकती अगर आप बच्चो को पढ़ा नही सकते तो स्कूल में पढ़ाने के नाम पर एडमिशन लेना बंद करे ।सबसे दुखद स्थिति यह है की प्रमुख द्वारा बार बार चेतावनी देने के बावजूद भी स्कूल के शैक्षणिक गतिविधि में सुधार नहीं हो रहा है ।प्रमुख ने फिर से कड़ी चेतावनी देते हुए बोली की शिक्षक अपनी जिम्मेवारी को ईमानदारी से निभाए और जिस सब्जेक्ट का क्लास शुरू नही हुआ है उस विषय के लिए स्कूली समय के पहले या बाद में अतिरिक्त समय देकर उनका गत 5 महीने का कोर्स यथाशीघ्र पूरा करे । इस पूरे घटना क्रम के दौरान स्कूल के प्रधानध्यापक मौजूद रहे व दर्शक की भांति देखते रहे और कुछ भी विशेष कहने से बचते रहे बस वे यह कहते रहे की लोकल शिक्षक के वजह से यह समस्या आ रहा है शिक्षक मनमानी करते है