वन भूमि पर आश्रित परिवार को जगाओ महारैला
वन पर आश्रित परिवार को वन पट्टा नरेगा मनरेगा से मिले काम आदि निम्न बिंदुओं को लेकर सौपा मांग पत्र
गढ़वा भारतीय आदिम जनजाती विकास परिषद केंद्रीय कमेटी भारतीय भुईया विकास परिषद पलामू प्रमंडल भारतीय बुनियादी विकास मंच झारखंड जन संघर्ष मोर्चा वन अधिकार परिषद के बैनर तले निम्न मांगो कर लेकर सोमवार को जिला समाहरणालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया गया। मौके पर जन प्रतिरोध संघर्ष को तेज करो जन विरोधी ताकत को ध्वस्त करो साम्राज्यवाद पूंजीवाद मुर्दाबाद के नारों के साथ आदिवासी समाज के लोगों ने वन भूमि पर आश्रित परिवार को जगाओ महरेला निकालकर समान ले के समाहरणालय के समक्ष पहुंचे उन्होंने कहा कि आदिवासी मजदूर किसान लोग पूर्व दिनों में जंगल पहाड़ में घर बनाकर रहे हैं भारत देश आजाद नहीं हुआ था उसे वक्त जमींदारों ने आदिवासी दलित मजदूर किसान का जमीन लूट लिया 2017 तक ऑफलाइन जमीन का रसीद काटता रहा इसके बाद जमीन ऑनलाइन करने का आदेश आया तो गरीब मजदूर दलित किसान आदिवासी इस जमीन से वंचित हो गए वह जमीन दूसरे लोगों का ऑनलाइन हो गया पहले दलित आदिवासी का जमीन जमींदारों ने लूटा इसके बाद किसी भी पार्टी का सरकार राज में बना लेकिन दलित आदिवासी मजदूर किसान को जमीन सरकार अदानी एवं अंबानी जैसे बहुराष्ट्रीय कंपनी द्वारा लाखों लाख एकड़ जमीन से गरीब मजदूर दलित आदिवासी किसान को विस्थापित किया गया इन सभी बिंदुओं को लेकर समाहरणालय पहुंचे अपने निम्न बिंदु वन अधिकार अधिनियम 2006 एवं 2008 के तहत वन पर आश्रित परिवार को वन पट्टा 5 एकड़ सुनिश्चित हो आदिम जनजाति मजदूर किसान आदिवासी को जल जंगल व जमीन से बेदखल करना बंद करें जन वितरण प्रणाली के तहत गरीबों को मिलने वाला राशन कार्ड का घोटाला डीलरों एवं मो के द्वारा हो रहा है उसकी जांच हो गांव-गांव में सरकारी अस्पताल तथा एंबुलेंस की व्यवस्था हो बिरसा आवास योजना में छूटे हुए लाभ को यथाशीघ्र आवास मिले लाल पर्चा के द्वारा बंदोबस्त जमीन को ऑनलाइन रसीद निर्गत किया जाए मणिपुर की घटना में संलिपि सभी दोषियों को फांसी दे नरेगा मनरेगा से मिलने वाले मजदूरी को 276 रुपए से बढ़कर ₹800 दिन किया जाए आदिम जनजाति के महिलाओं को पेंशन को ₹1000 से बढ़कर ₹5000 किया जाए यदि अन्य मुद्दों को लेकर लोगों ने आज धरना प्रदर्शन का कार्य किया इस मौके पर शांति देवी नरेश कुमार भुईया विजय कोरवा भूलन परहिया ललिता देवी बंधु भुईया रामनाथ परहीया बाबूलाल रमेश राम मीना देवी बुधन परहीया श्याम सुंदर गणेश भुईया आदि सैकड़ो की संख्या में लोग मौजूद थे।