बंशीधर नगर :
श्री बंशीधर नगर-कांग्रेस सेवा दल के जिला मुख्य संगठक सह प्रखंड बीस सूत्री उपाध्यक्ष ईश्वरी चौधरी ने नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन देकर नगर पंचायत क्षेत्र के विभिन्न विकास योजनाओं व साफ सफाई में भारी अनियमितता बरते जाने का आरोप लगाते हुये जांचोपरांत कार्रवाई करने तथा भुगतान पर रोक लगाने की मांग किया है.कार्यपालक पदाधिकारी को दिये गये आवेदन में कहा गया है कि नगर पंचायत क्षेत्र के सभी विकास योजनाओं व साफ सफाई में काफी अनियमितता बरती जा रही है.नगर पंचायत क्षेत्र के मुख्य सड़क व सभी वार्डो में साफ सफाई की स्थिति शून्य है,जबकि प्रतिमाह काफी खर्च करने के बाद भी शहर व वार्डो में गंदगी फैली है.पाल्हे कला से धुरकी मोड़ तक सड़क के किनारे गन्दगी फैली है.नगर पंचायत क्षेत्र में विधुत पोल पर विगत दो माह पूर्व लगाये गये लाइट इतना घटिया किस्म का है कि लगने के चार दिन बाद से ही लाइट बन्द है.नगर पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत पीसीसी पथ,आरसीसी नाली आदि कार्यो में गुणवत्तापूर्ण कार्य नही किया जा रहा है.काफी गड़बड़ी की जा रही है.उन्होंने कहा है कि सभी वार्डो में सोलर युक्त जलमीनार का अधिष्ठापन कराया गया है,अधिकांश जलमीनार से पानी का नही निकलना,पाइप लाइन को कम गढ्ढा खोदकर लगाना,नल में पानी नही आना इस तरह की घोर अनियमितता किया गया है.एक विशेष कमिटी द्वारा उक्त कार्यो की जांच कराकर दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुये भुगतान पर रोक लगाया जाय. उन्होंने इस आशय की प्रतिलिपि प्रदेश के मुख्यमंत्री,नगर विकास आवास विभाग के सचिव व जिले के उपायुक्त को भी भेजा है.
श्री बंशीधर नगर-श्री कृष्ण जन्माष्टमी व चेहल्लुम के त्योहार को लेकर थाना परिसर में बुधवार को शांति समिति की बैठक आयोजित किया गया. बैठक में उपस्थित अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी प्रमोद कुमार केशरी ने उपस्थित लोगों से श्री कृष्णजन्माष्टमी व चेहल्लुम का त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाने की अपील किया. उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी के विसर्जन व चेहल्लुम का जुलूस एक ही दिन गुरुवार को निकलना है.उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी व चेहल्लुम पर्व को शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न कराने को लेकर नगर उंटारी में पांच जगहों पर बैरिकेटिंग किया जायेगा.उन्होंने कहा कि जगह जगह पर मजिस्ट्रेट व पुलिस बल के जवानों को भी तैनात किया जायेगा. बैठक में सर्वसम्मति से श्री कृष्ण जन्माष्टमी का जुलूस विसर्जन होने के बाद चेहल्लुम का जुलूस निकालने का निर्णय लिया गया बैठक में पुलिस निरीक्षक रत्न कुमार सिंह,थाना प्रभारी नीतीश कुमार सिंह,सदर तौहीद खान,सरपरस्त शमीम खान, मोहर्रम इंतजामिया कमेटी खजांची लालबाबू खान,तस्लीम खान,सुजितलाल अग्रवाल,आजाद खान,खुर्शीद खान,फुलटून खान,वकील अहमद,डॉ रिजवान अहमद,फैयाज खान,मेराजुद्दीन खान,मसउवर अंसारी,डॉ कादिर अंसारी,मुस्लिम अंसारी सहित अन्य लोग उपस्थित थे.
-यह संसार मेंहदीके पत्तेकी तरह ऊपरसे हरा दीखता है, पर इसके भीतर परमात्मरूप लाली परिपूर्ण है- जीयर स्वामी जी महाराज
श्री बंशीधर नगर-प्रखंड के पाल्हे जतपुरा ग्राम में चल रहे प्रवचन के दौरान श्री जीयर स्वामी ने कहा कि संसार की सत्ता बाधक नहीं है, प्रत्युत उसकी महत्ता का असर बाधक है.महत्ता का असर होनेसे गुलामी आ जाती है.संसार का संयोग अनित्य है और वियोग नित्य है. नित्यको स्वीकार करना मनुष्यका कर्तव्य है.संसारकी जिन वस्तुओंको हम बड़ा महत्त्व देते हैं, उनका काम यही है कि वे हमें परमात्मा प्राप्ति नहीं होने देंगी और खुद भी नहीं रहेंगी. संसार असत्य हो अथवा सत्य हो, पर उसके साथ हमारा सम्बन्ध असत्य है - यह निःसन्देह बात है.यह संसार मेंहदीके पत्तेकी तरह ऊपरसे हरा दीखता है, पर इसके भीतर परमात्मरूप लाली परिपूर्ण है.हम स्वयं चेतन तथा अविनाशी हैं और सांसारिक वस्तुएँ जड़ तथा विनाशी हैं. दोनोंकी जाति अलग-अलग है. फिर दूसरी जातिकी वस्तु हमें कैसे मिल सकती है? जैसे उदय होनेके बाद सूर्य निरन्तर अस्तकी ओर ही जाता है, ऐसे ही उत्पन्न होनेके बाद मात्र संसार निरन्तर अभाव की ओर ही जा रहा है.संसार विजातीय है और विजातीय वस्तु से सम्बन्ध होता ही नहीं, केवल सम्बन्ध की मान्यता होती है. सम्बन्धकी मान्यता ही अनर्थ का हेतु है, जिसके मिटते ही मुक्ति स्वतः सिद्ध है.शरीर संसार का निरन्तर परिवर्तन हमें यह क्रियात्मक उपदेश दे रहा है कि तुम्हारा सम्बन्ध अपरिवर्तनशील तत्त्व (परमात्मा) के साथ है, हमारे साथ नहीं; हम तुम्हारे साथ और तुम हमारे साथ नहीं रह सकते.अभी जो वस्तुएँ व्यक्ति आदि हमारे पास हैं, उनका साथ कबतक रहेगा - इसपर हरेक को विचार करनेकी जरूरत है.हम शरीरको रखना चाहते हैं, सुख- आराम चाहते हैं, अपने मनकी बात पूरी करना चाहते हैं - यह सब असत् का आश्रय है.जो किसी समय है और किसी समय नहीं है, कहीं है और कहीं नहीं है, किसीमें है और किसीमें नहीं है, किसीका है और किसीका नहीं है, वह वास्तवमें है ही नहीं.वस्तु और व्यक्ति तो नहीं रहते, पर उनसे माना हुआ सम्बन्ध बना रहता है. यह माना हुआ सम्बन्ध ही जन्म-मरणका कारण होता है.सब संसार अपनी धुनमें जा रहा है. हम ही उसको (जाते हुएको) पकड़ते हैं और फिर उसके छूटनेपर रोते हैं.जो संसारकी गरज नहीं करता, उसकी गरज संसार करता है. परन्तु जो संसारकी गरज करता है, उसको संसार चूसकर फेंक देता है. मनुष्य जबतक सांसारिक पदार्थोंका सम्बन्ध रखेगा और उनकी आवश्यकता समझेगा, तबतक वह कभी सुखी नहीं होगा.संसारको सत्ता देनेसे संयोग-वियोग होते हैं और महत्ता देनेसे सुख-दुःख होते है.नाशवान्की दासता ही अविनाशीके सम्मुख नहीं होने देती. संसार की सामग्री संसारके कामकी है, अपने कामकी नही.संसार विश्वास करने योग्य नहीं है, प्रत्युत सेवा करने योग्य है.नाशवान् में अपनापन अशान्ति और बन्धन देनेवाला है.
असत् को असत् जानने पर भी जबतक असत्का आकर्षण नहीं मिट जाता, तबतक सत्की प्राप्ति नहीं होती (जैसे, सिनेमाको असत्य जाननेपर भी उसका आकर्षण रहता है