■गुरु गोबिंद सिंह के चारो साहिबजादे के साहस और शोर्य बारे में बच्चो को बताया गया
मुगलों की सेना ने दो साहेबजादे को जिंदा दीवार में चिनवा दिया था।
रामगढ़ : श्री गुरु नानक पब्लिक स्कूल के प्रांगण में अंतिम सिख गुरु गोबिंद सिंह के चार बेटों, ‘साहिबजादे’ के साहस को श्रद्धांजलि देने के लिए ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया गया। यह चारों मुगलों के हाथों शहीद हो गए थे। इस कार्यक्रम के लिए 26 दिसंबर की तारीख इसलिए चुनी गई, क्योंकि इस दिन साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह के शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता था। ये सरहिंद (पंजाब) में छह और नौ साल की छोटी उम्र में मुगल सेना के हाथों मारे गए थे। विद्यालय के बच्चों ने प्रार्थना सभा में सिख गुरु गोविंद सिंहजी के चारों बेटों के बारे में बताया। उनके वीरगाथा से परिचित कराया। कैसे उन्होंने अपने-अपने कर्तव्य को इतनी कम उम्र में सच्चे हृदय से निभाया। विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री हरजाप सिंह ने बच्चों को गुरु गोविंद सिंह के बारे में बताया कि कैसे उन्होंने विकट से विकट परिस्थिति में भी अपने चेहरे पर चिंता को अभिव्यक्त नहीं होने दिया। हमेशा आत्मविश्वास को बनाए रखा। इस अवसर पर विद्यालय में बच्चों को गुरु गोविंद सिंह जी के चार साहबजादे की जीवन गाथा को स्मार्ट क्लास के जरिए दिखाया गया। बच्चों ने चार साहबजादे के बारे में जाना। यह देश गुरु गोविंद सिंह जी के साथ चार साहबजादे के बलिदान को हमेशा याद करेगा। प्रधानाचार्य हरजाप सिंह तथा सभी शिक्षक एवं शिक्षिका मौक़े पर उपस्थित थे। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी रामगढ़ के अध्यक्ष सरदार परमदीप सिंह कालरा, अध्यक्ष सरदार हरपाल सिंह अरोड़ा, उपाध्यक्ष सरदार परमिंदर सिंह जस्सल, सरदार कुलजीत सिंह कालरा, उपाध्यक्ष सह प्रबंधक सरदार मनमोहन सिंह लांबा सहित स्कूल प्रबंधक कमेटी के सदस्य सरदार परमजीत सिंह चमन, सरदार हरदीप सिंह, सरदारपुश्विंदर सिंह छाबड़ा, सरदार कुलजीत सिंह छाबड़ा, सरदार इंद्रपाल सिंह सैनी, सरदार ब्रह्म भसीन, सरदार विक्रमजीत सिंह कोहली तथा मीडिया प्रभारी सरदार करमजीत सिंह जग्गी भी उपस्थित थे ।