place Current Pin : 822114
Loading...


हेलमेट की होती है जांच, नहीं होती है ओवरलोड की जांच, ओवरलोड वाहनों से वसूली कर छोड़ दी जाती है या प्रबंधन से है सांठगांठ?

location_on रामगढ़ access_time 02-Dec-22, 11:24 AM

👁 249 | toll 169



Journalist Danish Patel check_circle 5.0 star
Public

■ओवरलोड वाहनों से वसूली कर छोड़ दी जाती है या प्रबंधन से है सांठगांठ? ■सुरक्षा का नही हैं कोई मापदंड ●प्रदूषण की चपेट में ग्रीन गोला, प्रशासन मौन रामगढ़,झारखंड : प्रदूषण की चपेट में ग्रीन गोला का आपने एक एपिसोड पढ़ा। अब उसके दूसरे एपिसोड में प्रशासन की नजरिया को दिखाते हैं। झारखंड का ग्रीन प्रखंड कहलाने वाला गोला इन दिनों पूरी तरह प्रदूषण के चपेट में है। प्रखंड क्षेत्र के चारों ओर फैक्ट्रियों से निकलने वाली जहरीली धुंआ से खेतों, घर के आंगन, छत, पेड़ों में कालिख की परतें जम जाती है। इससे किसानों का कृषि का कार्य तो प्रभावित हुआ ही है, लोगों और स्कूली बच्चों के सेहत पर भी काफी प्रभाव पड़ा है। उल्लेखनीय है कि कई फैक्ट्रियां स्कूल, कॉलेज के समीप ही है। कृषि बहुल क्षेत्र और गांव के पास रहने के कारण फैक्ट्रियों से निकलने वाली जहरीली धुआं घरों में जाता है। यह तो रहा फैक्ट्रियों से निकलने वाली धुंआ का असर। अब चलें वाहनों में ओवरलोडिंग, जिससे बढ़ता प्रदूषण का खतरा और दुर्घटना की संभावना। सड़कों पर तेज रफ़्तार से दौड़ता ओवरलोड हाइवा और ट्रक। इन वाहनों से सड़कों पर गिरता डस्ट और उड़ती धुलकन से लोगों को परेशानी हो रही है। इस ओर से प्रशासन का नजरिया मौन दिखाई देती है। या तो इन वाहनों से वसूली कर वाहनों को छोड़ दी जाती है या तो फैक्ट्री प्रबंधन से उनका सांठगांठ है। आगे देखें - झारखंड में वाहनों के कागजात, सीट बेल्ट और दोपहिया वाहनों को चलाने वाले के सर पर हेलमेट की चारों ओर जांच हो रही है, जो बहुत ही जरुरी है। परन्तु यह भी जरुरी है कि वाहनों में ओवरलोड की जांच हो। वाहनों में लगा हुआ डस्ट, कोयला, आयरन ओर, हाईवा चालक जो बहुत ही कम उम्र के हैं, उनके ड्राइवरी लाइसेंस की जांच बहुत ही कम होती है। वाहनों में बगैर ढके हुए डस्ट को तेज रफ्तार से ले जाया जाता है। जिससे दुर्घटनाओं की संभावनाएं बढ़ जाती है। क्षेत्र में प्रदूषण ओवर लोड की शिकायत कई बार विभागों से की गई। लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता हैं। - सुरक्षा का नहीं है कोई मापदंड- फैक्ट्रियों में सुरक्षा का नहीं है कोई मापदंड, जिस कारण प्रदूषण की चपेट में तो क्षेत्र हैं ही। फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूर भी सुरक्षित नहीं है। लिहाजा आए दिन फैक्ट्रियों में दुर्घटनाएं होती रहती हैं और मजदूर मौत के काल में समा जाते हैं।



More from Journalist Danish Patel :

चितरपुर के मारंगमर्चा गांव में मंडा पर्व का युवा समाजसेवी पीयुष चौधरी ने फीता काट कर किया उद्घाटन।

location_on चितरपुर
access_time 19-Apr-24, 11:15 AM

माँ छिन्नमस्ता इंटर कॉलेज, गोला के संस्थापक की 22 वीं पूण्यतिथि मनाई गई

location_on गोला
access_time 19-Apr-24, 11:11 AM

माँ छिन्नमस्ता इंटर कॉलेज, गोला के संस्थापक की 22 वीं पूण्यतिथि मनाई गई

location_on गोला
access_time 19-Apr-24, 11:11 AM

बिग ब्रेकिंग: गोला के वनांचल फैक्ट्री में मजदूरों के बीच लड़ाई, चाकू के वार से एक मजदूर गंभीर रूप से घायल,घटना के बाद फैक्ट्री में निर्माण कार्य बंद।

location_on गोला
access_time 25-Mar-24, 10:23 PM

गोला पुलिस और बरलंगा पुलिस ने निकाला फ्लैक मार्च,शांति और सद्भावना के साथ होली मनाने की अपील।

location_on गोला
access_time 25-Mar-24, 08:20 AM


Post News & Earn


गूगल प्ले से डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें। Get it on Google Play