■डोभा निर्माण किए बिना ही फर्जी तरीक़े से राशि का भुगतान
■मनरेगा लोकपाल ने गोला बीडीओ को जाँचोपरान्त 21नवंबर तक जाँचप्रतिवेदन सुपूर्द करने का दिया आदेश।
■जाँचप्रतिवेदन में विलंब होने पर शिकायतकर्ता की शिकायत को सही माना जाएगा
🖋️रिपोर्ट:दानिश पटेल
📞 7763044328
गोला(रामगढ़)। रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड क्षेत्र के मगनपुर पंचायत के महलीडीह गाँव के मनरेगा भ्रष्टाचार की एक घटना उजागर हुई है। गाँव की निवासी मालती देवी ने मनरेगा लोकपाल को लिखित आवेदन देते हुए आरोप लगाया है कि उसके स्वर्गीय पति इन्द्रदेव महतो के नाम पर वर्ष 2020-21 में डोभा निर्माण की योजना की स्वीकृति मिली थी , जिसकी जानकारी ना तो आवेदक को थी ना हीं आवेदक के पति को हीं थी , जिसका आवंटन सं. 3416010/2020-21/ 332120/ए एस- दिनांक 01.11.2020 है। आवेदक ने अपने आवेदन में लिखा है कि रोजगार सेवक एवं पंचायत सचिव द्वारा मेरे खाते ( बैंक ऑफ इंडिया, मगनपुर शाखा) में तीन चार बार ₹ 1164/- डाला गया जिसकी शिकायत करने पर रोजगार सेवक एवं पंचायत सचिव द्वारा कहा गया कि ये दूसरे योजना का पैसा है आप कूल रकम का 20 प्रतिशत रखकर बाकी पैसा हमें दे दिजिए । आवेदक ने बताया कि उनके कहे अनुसार उक्त रकम उनको दे दिया गया। कुछ दिनों के उपरांत पता चला कि आवेदक के पति स्व.इन्द्रदेव महतो के नाम वर्ष 2020-21 में डोभा स्वीकृत हुआ था , लेकिन रोजगार सेवक एवं पंचायत सचिव की मिलीभगत से उस योजना की फर्जी कागज तैयार कर बिना डोभा निर्माण के पैसों की बंदरबांट कर ली गई है। आवेदक ने इस संबंध में जाँचोपरान्त दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की माँग की है। इस संबंध में मनरेगा लोकपाल ने प्रखंड विकास पदाधिकारी गोला को प्रेषित अपने पत्र में कहा है कि डोभा निर्माण किस प्लॉट में हुआ है तथा उसकी चौहद्दी क्या है, मजदूरी तथा खर्च की गई राशि की भुगतान संबंधित सारी जानकारी तथा जाँचप्रतिवेदन 21.11.2022 तक उपलब्ध करायें। अगर निर्धारित समय पर जाँचप्रतिवेदन नहीं प्राप्त होती है तो शिकायतकर्ता के शिकायत को सही माना जाएगा।