रिपोर्ट:दानिश पटेल
रामगढ़। मंगलवार को रामगढ़ जिले के सैकड़ों डी डी टी कर्मचारियों एक दिवसीय धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया। सिविल सर्जन रामगढ़ कार्यालय के परिसर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन आयोजित हुई। उक्त धरना प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य डी डी टी छिड़काव कर्मियों को स्थाई करण अथवा अनुबंध पर अविलंब बहाल करने, बनाये सूची का भुगतान अविलंब करने, डीडीटी छिड़काव कर्मियों का मानदेय वृद्धि करने,गोला प्रखंड क्षेत्र के सभी उप स्वास्थ्य केंद्र पर पर्याप्त मात्रा में दवाई उपलब्ध कराई जाए। वनांचल जन शक्ति संघर्ष समिति के केन्द्रीय संयोजक अजय कुमार ओझा के नेतृत्व में सैकड़ों कर्मचारियों ने सिविल सर्जन को ज्ञांपन सौंपा गया। उक्त कार्यक्रम के दौरान झारखंड सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। वनांचल जनशक्ति संघर्ष समिति के केन्द्रीय संयोजक अजय कुमार ओझा ने कहा कि झारखंड प्रदेश में डीडीटी छिड़काव कर्मियों बिहार सरकार के शासन काल के समय इन से यानी कि वर्ष 1977 ईस्वी से इस क्षेत्र में अपना कार्य लगातार करते आ रहे हैं। गर्मी, जाडा, वर्षा तथा कोराना काल का ही समय क्यों ना हो रहा हो। यह मजदूर अपनी मेहनत तथा खून पसीना बहाकर बहुत बड़ी जोखिम लेकर क्षेत्र में डीडीटी छिड़काव करते आ रहे हैं। जिससे लोगों को मलेरिया फाइलेरिया जैसे इत्यादि रोगों से बचाव होता हैै। झारखंड सरकार ऐसे लोगों को महत्व नहीं दे रही हैं। ऐसे लोगों को दरकिनार कर अपना काम लेती हैं। इन लोगों को अस्थाई करण को लेकर अथक अनुरोध पर बहाल करने को लेकर अच्छा संभव प्रयास किया गया। चाहे मुख्यमंत्री हो, स्वास्थ्य सचिव हो राज्य मेलिरया पदाधिकारी हो या निदेशक झारखंड सरकार हो परंतु कहीं से भी जवाब प्राप्त नहीं हुई हैं। समाजसेवी सह वनांचल जनशक्ति संघर्ष समिति के केंद्रीय संयोजक अजय ओझा ने कहा कि मैं आप सभी पत्रकार बंधुओं को बता दूं कि इन सबों को बिहार सरकार के समय स्थापन से वेतनमान प्राप्त होता था। इसके साथ ही टीए, डीए, साइकिल, टॉर्च एवं अलाउंस मिलता था। हर सप्ताह के रविवार को अवकाश होता था। वगैरह सभी सरकारी सुविधाएं दी जाती थी। परंतु झारखंड प्रदेश सरकार बनने के बाद के पश्चात इन सभी मजदूरों को मिलने वाली सारी सुविधाओं को रोक लगा दी गई। इतना ही नहीं इन गरीब मजदूरों का मजदूरी झारखंड सरकार द्वारा कई वर्षों से रोक लगा दी गई। मेरे अथक प्रयास से पूरे झारखंड प्रदेश के डीटी सिरका कर्मियों का बकाया वेतन का भुगतान कराया गया। इसके साथ ही जमाने से इन मजदूरी काफी कम प्राप्त होती थी। इतने मिलना चाहिए उतना नहीं मिल पा रहा था। इससे सरकार के सचिव मिलकर मेरे द्वारा इसका मनादय बढ़ाएं गया। एक-दो माह पूर्व एक लिखित पत्र देकर मांग की गई कि डी डी टी का कर्मियों का अनुबंध पर बहाल करें। जबकि कि अनुबंधन का बहाल किया जा रहा हैं। यह डी डी टी छिड़काव कर्मियों को इतनी लंबे समय से सेवा का कार्य करते आ रहे हैं। जो अब लगभग बुजुर्ग हो चुके हैं अब एक आखरी लगभग इन लोगों का शरीर थक चुके हैं। जिन्होंने इतनी लंबी सेवा प्रदान की हैं। इनके जगह पर इनके बच्चों का अनुबंध पर बहाल होनी चाहिए। परंतु उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं। अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार आज 7 जून 2022 मंगलवार को 11:00 बजे के करीब वनांचल जनशक्ति संघर्ष समिति के सैकडों समर्थक सहित कर्मचारीगण उपस्थित थे।