भारतीय किसान विरोधी तीनों काला कृषि कानून के खिलाफ विश्व युवा परिषद के कार्यकर्ताओं ने भारत बंद के दौरान सड़क जामकर विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी किया।
कृषि कानून 2020 लागू होने से व्यापारियों के गुलाम बन जाएंगे भारतीय किसान।
न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा दो : मुकेश यादव
सीतामढ़ी। विश्व युवा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश यादव के निर्देशानुसार किसान आंदोलन के समर्थन और भारतीय किसान के सम्मान में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन किसान विरोधी कानून के खिलाफ विश्व युवा परिषद के कार्यकर्ताओं ने ' धरती और किसान है,तब भारत महान है',' न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करे ', ' किसान विरोधी काला कानून वापस लो ', ' किसान के सम्मान में विश्व युवा परिषद मैदान में आदि के तक्थी लेकर 08 दिस्बर 2020 को आहूत भारत बंद के दौरान जिला के पुपरी प्रखंड के कर्पूरी चौक से अजीजिया मदरसा तक सैकड़ों कार्यकर्ता ने रैली निकाल कर केंद्र सरकार को कानून वापस लेने को मजबुर किया।जिसका नेतृत्व विश्व युवा परिषद के प्रदेश अध्यक्ष ऋषिकेश अम्बेडकर ने किया। वहीं मुकेश यादव ने सरकार से मांग किया की किसी भी हालत में न्यूनतम समर्थन मूल्य जो प्रत्येक वर्ष 23 फसलों का सरकार द्वारा निर्धारण किया जाता हैं जो कि बाजार मूल्य से हमेशा ज्यादा या समान रहता है जिससे किसानों को खेती करने में घाटा नहीं होता है ,लागू करे। आगे उन्होंने कहा कि बाजार के अनिश्चितताओं से किसान को बचाने के लिए 1970 में बनी एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग ( रेगुलेशन)एक्ट के अंतर्गत बनी हुई कृषि विपणन समिति को खत्म करने की साज़िश करना देश के किसान को आत्महत्या करने पर मजबुर करने के समान है।नए कृषि कानून कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा देगा,स्टॉक लिमिट को हटा देगा जिससे जमाखोरी बढ़ेगा,उत्पादन स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन से सरकारी नियंत्रण खत्म हो जायगा जो किसान और आम आदमी के लिए परेशानी खड़ा करेगा। इतना ही नहीं बल्कि इस नए किसान विरोधी काला कानून के आने से कृषि क्षेत्र भी व्यापारियों के हाथ में चला जायगा जिससे किसानों को भूमिहीन मजदूर बनने पर मजबुर होना पड़ेगा साथ ही छोटे किसानों को बड़े प्लेयर्स और जमाखोर से छोटे किसानों का आर्थिक शोषण होगा। तीन नए कृषि एक्ट 2020 कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य(संवर्धन और सरलीकरण) ,कृषक (सशक्तिरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार और आवश्यक वस्तु (संशोधन) को जबतक केंद्र सरकार वापस लेे।कृषि कानून से ग्राम प्रधान (मुखिया) को बाहर एक गहरी साजिश के तहत रखा गया है ताकि छोटे किसानों को भरपूर शोषण किया जा सके। बिहार सरकार मास्टर प्लान के तहत डैम और नहर बनाकर बिहार को बाढ़ मुक्त करने की काम करे ।बिहार की किसान कृषि कानून से पहले बाढ़ और सुखार से त्रस्त है जो बिहार के लिए शर्म कि बात है।विश्व युवा परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष मनीष पासवान ने बिहार के किसानों को मुफ्त खाद और बीज उपलब्ध कराने की मांग किया। मौके पर प्रदेश सचिव माइकल ब्रो, जिला महासचिव मनीष यादव , कमरे आलम जिला अध्यक्ष मोहम्मद आदिल,जिला उपाध्यक्ष सौरभ पांडे, सोशल मीडिया प्रभारी अमन , कोषा अध्यक्ष अमन खान ,प्रखंड अध्यक्ष कलीम ,कौशल यादव ,आदिल खान, मुबारक खान जय बंधु, विकास, अफजल खान विभु सिंह, अल्ताफ खान, महेश दानिश,अमित,नाथ राय ,जय नारायण राय, शरणागत सिंह, साकिर हुसैन, आलमगीर, श्याम पासवान रामबाबू राय उपस्तिथि रहे।