आज यीशु से प्रेम करने वालों का त्योहार के तरह है 'पाम संडे यानि खजूर रविवार' यीशु का यरुशलम मे विजय प्रवेश यानी पाम संडे जो कि प्रमुख त्योहारों में से एक त्योहार है। नेशनल चर्च ऑफ इंडिया ग्लोबल डायसिस रामदरबार चंडीगढ़ मे बड़े उत्साह से मनाया गया। कार्यक्रम का आरंभ सिस्टर हिमांशी के साथ कलिसिया के समूह के प्रार्थना से हुआ।सभी ने मिलकर परमेश्वर की आराधना की और गवाहियां दी। प्रभु की दासी सिस्टर जानकी फिलिप्पियों 2:6-11 पढके सुनाया और सिस्टर संतोष नेगी ने भजनसंहिता अध्याय 67 पढ के सुनाया। परमेश्वर के सेवक मुख्य प्रवचनकर्ता रेवरेंड डॉ. जितेंद्र सिंह ने धर्म शास्त्र से उद्धृत वचनों के द्वारा खजूर रविवार क्या है और क्यों मनाया जाता है, बड़ी बारिकी से समझाया। पूछे जाने पर डॉक्टर सिंह ने कहा - पवित्र बाइबल में कहा गया है कि प्रभु यीशु जब यरुशलम पहुंचे, तो उनके स्वागत में बड़ी संख्या में लोग पाम यानी खजूर की डालियां मार्ग मे बिछाने लगे, हाथों में डालियाँ लहराते हुए होसन्ना ,होसन्ना चिल्लाने लगे ; उनके चेले जय-जयकार करने लगे। लोगों ने प्रभु यीशु की शिक्षा और चमत्कारों को याद कर उनका जोरदार स्वागत किया था। उस दिन की याद में पाम संडे मनाया जाता है। इसे पवित्र सप्ताह की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है। दक्षिण भारत में प्रमुखता से मनाया जाता है। इस अवसर पर चर्चों में विशेष आयोजन होते हैं। इसमें प्रार्थना, भजन, बाइबल का पाठ एवं प्रवचन होता है। ईसाई समाज पाम संडे के दिन प्रभु के आगमन की खुशी में गीत गाकर इस दिन का स्वागत करते हैं। वे हाथों में खजूर की डालियां लेकर प्रभु के आने की खुशी में गीत गाते हैं। इसमें झांकी सजाकर प्रभु के जीवन को दर्शाया जाता है। ज्ञात हो कि डॉक्टर सिंह ने प्रवचन के बाद सभी के लिए चंगाई और आशीष के लिए विशेष प्रार्थना की। इस सभा मे सिस्टर शारदा, सिस्टर उमा और सिस्टर आशा का भी प्रार्थना का सहयोग रहा।