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क्या तीसरे मोर्चा से भाजपा को फायदा होगा ?

location_on west bangal access_time 23-Mar-21, 07:11 PM

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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: क्या तीसरा मोर्चा धीरे-धीरे लड़ाई में शामिल हो रहा है? यहां तय है कि अगर इंडियन सेक्युलर फ्रंट नहीं जीत सकते हैं, तो निश्चित रूप से कई तृणमूल उम्मीदवारों का खेल बिगाड़ देंगे। राजनीतिक विशेषयज्ञ के अनुसार, सीपीएम के वरिष्ठ नेता सूर्यकांत मिश्रा ने यह कहते हुए लड़ाई में नया मोड़ लाया कि उनका प्रमुख दुश्मन TMC है। मिश्रा ने पार्टी कार्यकर्ताओं से टीएमसी को सत्ता से बाहर करने की दिशा में काम करने का आग्रह किया है। सीपीएम-कांग्रेस और वाम दल तीसरे मोर्चे के गठन के लिए आईएसएफ के अब्बास सिद्दीकी के साथ गठबंधन किया हैं। एक विस्तृत सर्वेक्षण के अनुसार, कम से कम 138 विधानसभा क्षेत्रों में द थर्ड फ्रंट गठबंधन गेम चेंजर होगा। एएनएम न्यूज द्वारा किए गए स्वतंत्र सर्वेक्षणों से संकेत मिलता है कि पश्चिम बंगाल में मतदान प्रतिशत 69 से 71 प्रतिशत के बीच होगा। सर्वेक्षण यह भी इंगित करता है कि यह अधिकांश सीटों पर कड़ी टक्कर होगी। ऐसे में अगर कांग्रेस-सीपीएम-आईएसएफ गठबंधन इस तरह के क्षेत्रों में तीन से पांच प्रतिशत वोटों में सेंध लगाता है, तो यह बीजेपी के पक्ष जाएगा। सर्वेक्षणों ने संकेत दिया कि तीसरा मोर्चा गठबंधन तृणमूल कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाएगा। तीसरे मोर्चे के नेताओं को हालांकि लगता है कि वे किंगमेकर होंगे। एएनएम न्यूज ने उनके कई नेताओं से बात की है, जिनका मानना ​​है कि त्रिशंकु विधानसभा होगी और महागठबंधन को शर्तों को पूरा करने के लिए पर्याप्त सीटें मिलनी चाहिए।




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