टोनी आलम, एएनएम न्यूज़, जामुड़िया : कहते हैं कोशिश करने वालों की हार नही होती। जामुड़िया विधानसभा क्षेत्र के तपसी पंचायत की श्यामली सिंह इसकी जीती जागती मिसाल है। जामुड़िया निवासी श्यामली एक लंबी दुरी की धाविका है। उन्होंने अपने प्रदर्शन से सैकड़ों राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय पदक जीते है। उनका सपना था कि वह एक दिन ओलंपिक मे भारत का प्रतिनिधित्व करें। जब लग रहा था कि कोई भी ताकत श्यामली के सपने को पुरा करने से नही रोक सकती कि तभी किस्मत ने एक ऐसा मोड़ लिया कि श्यामली की पुरी जिंदगी ठहर गई। चिकित्सको ने कहा कि उसे ब्रेन ट्यूमर है और सही इलाज नही किया गया तो ओलंपिक मे भाग लेना तो दुर उसकी जान पर भी बन सकती है। मगर एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली श्थामली और उसके पति के लिए ब्रेन ट्यूमर जैसी बीमारी का खर्चीला इलाज करवा पाना नामुमकिन था। ऐसे मे समाज के कई प्रतिष्ठित लोगों ने श्यामली और उसके पति की तरफ मदद का हाथ बढाया। चेन्नई के एक निजी अस्पताल मे पिछले साल दिसंबर मे उसका ऑपरेशन किया गया। इसके उपरांत कुछ हफ्ते वहां रहने के बाद वह और उनके पति जामुड़िया लौट आए। लेकिन श्यामली के मन मे अपने सपने तक पंहुचने की ललक अभी भी बरकरार है। इसी वजह से श्यामली ने फिर से मैदान का रुख किया है। फिलहाल वह सिर्फ रोज़ाना सुबह चल रही है। धीरे-धीरे अपनी प्रैक्टिस पुरी तरह से शुरु करेंगी और अपने सपने को साकार करेंगी। साथ ही उन्होंने अपने पति और कोच संतोष सिंह का भी हर कदम पर उनका साथ निभाने के लिए धन्यवाद दिया।