अगर आप मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ट्वीटर प्रोफाइल देखेंगे तो वहाँ ऐसे बहुत से ट्वीट मिल जायेंगे जिसमें वो पुलिस को कारवाई करने को बोल रहे है। पर आपको एक भी ऐसा ट्वीट नहीं मिलेगा जहां कारवाई मे देरी होने पर डांट लगाया जा रहा हो।
तो क्या झारखंड पुलिस मुख्यमंत्री के ट्वीट का इंतजार करते है या उनको इंतजार करने को बोला गया है। हमने मुख्यमंत्री चुना है ना कि कोई अलार्म जो पुलिस को याद दिलाते रहे की कारवाई करनी है।
मतलब सोचने की बात है पब्लिसिटी कितना सर पर चढ़ गया है और जनता को बेवकूफ बनाया जा रहा है।