स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : अनुभवी टीएमसी नेता और ममता बनर्जी कैबिनेट में सबसे वरिष्ठ मंत्रियों में से एक, सुब्रत मुखर्जी बल्लीगंज विधानसभा क्षेत्र से फिर से चुनाव लड़ सकते है। कोलकाता के एक पूर्व मेयर, मुखर्जी राज्य के सबसे युवा गृह मंत्री थे, जब सिद्धार्थ शंकर रॉय ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था। एक श्रमिक नेता, मुखर्जी लंबे समय तक कांग्रेस की श्रमिक शाखा इंटक के अध्यक्ष थे, बाद में ममता बनर्जी ने उन्हें टीएमसी के श्रम विंग का प्रमुख बनाया। अस्सी और नब्बे के दशक में मुखर्जी ने कांग्रेस का हाँथ मजबूत किया और राज्य राजनीति पर हावी रहे फिर 1999 में ममता बनर्जी से हाथ मिलाया। ममता के साथ मतभेद के बाद उन्होंने 2005 में टीएमसी छोड़ दी लेकिन 2010 में फिर से जुड़ गए और ममता के कैबिनेट मंत्री बने। बल्लीगंज मुखर्जी का गढ़ है, लेकिन इस बार का चुनाव फूलो का सेज़ नहीं होगी। निर्वाचन क्षेत्र में शहरी मध्यम और उच्च मध्यम वर्ग के लोगों में एक बदलाव है, वही वाम-कांग्रेस गठबंधन है और ओवैसी निश्चित रूप से उनके मुस्लिम वोट पर सेंध लगा सकते है। मुखर्जी को टीएमसी के अंदर भी काफी संघर्ष करना पड़ सकता है। इस बार बल्लीगंज का रण आसान नही दिख रहा और सुब्रत मुखर्जी अपने करियर की शुरुआत में सबसे कठिन राजनीतिक लड़ाई में से एक का सामना करेंगे।