स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: शब्दों की तुलना में मौन अधिक कारगर होता है। इसलिए शायद कभी तृणमूल के बागी नेता शुभेंदु अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। "मैंने कभी छिपकर कुछ नहीं किया। मैं अपने इरादों का सार्वजनिक रूप से घोषणा करूंगा, ''उन्होंने कथित तौर पर अपने करीबी सहयोगियों को बताया। वह कब अपनी चुप्पी तोड़ेंगे? वह अपना रुख कब साफ करेगा? क्या वह नई पार्टी बनाएंगे? या वह बीजेपी में शामिल होंगे? ये सवाल राजनीतिक गलियारों में चर्चा में हैं लेकिन शुभेंदु इन सवालो से बचते नज़र आ रहे हैं। उनके नज़दीकी सहयोगी की माने तो "समय आने पर सभी को जवाब देंगे"। इस बीच अफवाह कि वह जल्द ही पाला बदल सकते हैं लेकिन अफवाहें कितनी सच हैं, इसका जवाब केवल शुभेंदु ही दे सकते हैं लेकिन उन्होंने चुप्पी साध रखी है।