टोनी आलम, एएनएम न्यूज़, जमुड़िया : अपनी शादी में रास्ते के मास्टर मोशाय जमुड़िया एक चक्र के तिलका माझि आदिवासी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक दीप नारायण नायक ने भी एक अनोखे अंदाज मे शादी रचायी। शादी के अनुष्ठान मे भी अपने छात्रों के खाने पीने एक साल के लिए पढ़ाई की जिम्मेदारी के साथ साथ छात्रों की माताओं के लिए नये वस्त्र और विद्यासागर की किताबो का इंतजाम किया। नयी नवेली दुल्हन को साथ लेकर उन्होंने खुद यह सारा इंतजाम किया। लंबे लाकडाउन के दौरान वह आदिवासी छात्रों को पेड़ो के नीचे सड़क पर पढ़ाकर सुर्खियों मे आये थे। कोरोना महामारी ने गरीब लोगों के जीवन के साथ साथ उनके बच्चों की शिक्षा पर भी विपरीत असर डाला था। जिससे गरीब आदिवासी छात्रों को काठी नुकसान झेलना पड़ा था। ज्यादातर छात्रों के माता-पिता गरीब दिहाड़ी मजदुर है जिनमें से कई प्रवासी श्रमिक है। जिनके लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम करना मुश्किल हो उनके लिए उपयुक्त शिक्षण सामग्री तो दुर स्लेट पेनसिल का इंतजाम करना भी मुश्किल था। शिक्षा के अत्याधुनिक तकनीक का इंतजाम करना तो जैसे एक सपना था।
ऐसी स्थिति में रास्ते के मास्टर दीप नारायण नायक ने आगे बढ़कर इनकी मदद की। बोगड़ा अन्तर्गत शिमुलिया पाड़ा कांठाल पाड़ा मालती पाड़ा बाउरि पाड़ा नीचु जबा पाड़ा उपर जबा पाड़ा आदि इलाकों मे उन्होंने लाकडाउन के दौरान विशेष क्लास की व्यवस्था की। इसके अलावा उन्होंने उन छात्रों को लेखन सामग्री देने का साथ ही लाकडाउन स्पेशल प्रश्नपत्र भी दिया। साथ ही कोरोना काल मे बच्चों को पौष्टिक आहार भी दिया था। उन्होंने इलाके के कुछ शिक्षको और अन्य गणमान्य लोगों की सहायता से कमिउनिटि किचन बनाकर आदिवासी गरीब लोगों के खाने का इंतजाम किया। उन्होंने कोरोना को लेकर लोगों के घर घर जाकर उनको जागरुक भी किया।
सबको साथ लेकर लोगों की सेवा करने के साथ ही दीप नारायण नायक ने कविगुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर से प्रेरित होकर अपने छात्रों को सभी सरकारी निर्देशों का पालन करते हुए शिक्षा प्रदान करना भी जारी रखा। शिक्षक दीप नारायण नायक ने कहा कि उन्होंने अपने रिश्तेदारों के लिए पौष्टिक भोजन की व्यवस्था की थी। मगर कुपोषण से जुझ रहे अपने आदिवासी छात्रों के लिए पौष्टिक भोजन का इंतजाम किये बिना उनकी शादी की खुशी अधुरी रहती। चुंकि वह एक शिक्षक है इसी वजह से उनके लिए उनके छात्र और उनके अभिभावक सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।