एएनएम न्यूज़, डेस्क : सोशल मीडिया पर दिल को छू लेने वाली कहानी के वायरल होने के बाद अपने साक्षात्कार में श्री देसराज ने खुलासा किया कि उनके दोनों बेटों की मृत्यु के बाद, परिवार की देखभाल करने की जिम्मेदारी उनके बूढ़े कंधों पर आ गई। मेरी पुत्रवधू और उनके चार बच्चों की ज़िम्मेदारी थी, जो मुझे दुखी कर रहे थे।
श्री देसराज ने अपने परिवार का समर्थन करने के लिए अपने ऑटोरिक्शा को चलाने में लंबे समय तक काम करना शुरू किया। उनकी कमाई का अधिकांश हिस्सा अपने पुत्रवधू के बच्चो के लिए स्कूल की फीस का भुगतान करने में चला गया। देसराज ने बताया कि, जब मेरी पोती ने 12 वीं कक्षा की परीक्षा में 80 प्रतिशत प्राप्त किया। लेकिन जब उनकी पोती ने कहा कि वह बी.एड कोर्स के लिए दिल्ली जाना चाहती है, तो श्री देसराज को पता था कि वह इसे वहन नहीं कर पाएगी। इसलिए, उन्होंने अपनी शिक्षा के लिए अपना घर बेच दिया।
एक फेसबुक पेज ने उनकी इस दिल दहला देने वाली स्टोरी को साझा किया और लोगों से मदद की अपील की है। इस पहल के माध्यम से लक्ष्य 20 लाख रुपये की राशि जुटाने का था, दानदाताओं ने इसे पार कर लिया। अब 24 लाख रुपये एकत्र किए गए हैं और चेक ऑटो ड्राइवर को सौंप दिया गया है।