एएनएम न्यूज़, डेस्क : दिल्ली में कोरोना की तादात बढ़ी। कोरोना केस को लेकर सियासत गरमा गई। केंद्र सरकार ने सर्वोच्च अदालत में हलफनामा देकर दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया। तो वही पलटवार करते हुए आम आदमी पार्टी ने इस हलफनामे को दुर्भावनापूर्ण, झूठ और तथ्यों से बिल्कुल परे बताया। साथ ही, केंद्र पर निशाना भी साधा।
जस्टिस अशोक भूषण की पीठ के समक्ष दायर हलफनामे में केंद्र सरकार ने बताया की तमाम चेतावनियां दी गयी इसके बावजूद भी दिल्ली सरकार ने महामारी की रोकथाम के लिए कोई भी प्रभावी कदम नहीं उठाया। डेंगू हो या कोई भी तथ्य हो उसपर तमाम विज्ञापन प्रस्तुत किये जाते है लेकिन कोरोना महामारी पर लोगों को जागरूक करने के लिए किसी भी प्रकार का कोई विज्ञापन सामने नहीं आया। 11 नवंबर को बैठक में भी दिल्ली सरकार की खामियां सामने आईं।
केन्द्र ने लगाए आरोप-
1- कोरोना के बढ़ते मामलों पर आरटी पीसीआर जांच नहीं बढ़ाई। लंबे समय से सिर्फ 20 हजार तक आरटीपीसीआर जांच की जा रही है ?
2- तय उपायों जैसे घर-घर जाकर सर्वे, संपर्क ट्रेसिंग, पृथकवास और क्लीनिकल प्रबंधन उचित तरीके से नहीं किए गए ?
3- जिन मरीजों को उनके घर पर इलाज चल रहा है, उन पर भी दिल्ली सरकार की एजेंसियों ने सही निगरानी नहीं रखी?
AAP सरकार का जवाब-
गृहमंत्रालय ने 72 घंटे में 750 आईसीयू बेड उपलब्ध कराने का वादा किया था, लेकिन वर्तमान समय तक केवल 200 बेड ही सरकार से मिले। केन्द्र ने सभी राज्यों सरकारों को कोरोना से लड़ाई में आर्थिक सहायता दी पर 'आप' सरकार को कुछ भी महैुया नहीं कराया। केंद्र सरकार को ऐसी राजनीति नहीं करनी चाहिए और आगे बढ़कर दिल्ली सरकार का सहयोग करना चाहिए।