Lockdown में लोगो के पास जो अचानक से समय की भरमार हो गयी तो कुछ लोग इसे झेल न सके।आलम यह हो गया कि कुछ लोग या तो फेसबुक पर खुद को योद्धा सिद्ध या फिर राम राज्य लाने में मशगूल हो गए।लोग तो इतने अहंकारी हो गए कि सबको अब आर्डर देना ही उचित समझने लगे।फ़ेसबुक पर ढेरो कमेंट थेथेरोलॉजी पर अड़िग।दुसरो को नीचा दिखाने की मंशा में लोग खुद की भी धज्जिया उड़वाने से पीछे हटने को तैयार नही।
अब वक्त आ गया है कि लोग समय की उयोगिता को समझते हुए कुछ सार्थक करे।समस्या चाहे जो भी हो निदान के लिए धरातल पर कुछ करने की जरूरत है।लोगो का काम है कहना कुछ तो लोग कहे।जो भी कहे अपने मस्तिष्क के सोच यंत्र से समझकर कहे।