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यौन संचारित रोग (एस.टी.डी) क्या होता है?

location_on Delhi access_time 09-Oct-24, 03:47 PM

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यौन संचारित रोग (STD) या संबंधित रोग वे बीमारियां होती हैं, जो मुख्य रूप से यौन संपर्क के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती हैं। इन रोगों को यौन-संचारित संक्रमण (STI) भी कहा जाता है। यह संक्रमण तब होता है जब संक्रमित व्यक्ति के साथ बिना सुरक्षा के यौन संबंध बनाए जाते हैं, जिससे बैक्टीरिया, वायरस या परजीवी एक व्यक्ति से दूसरे में प्रवेश कर जाते हैं। एस.टी.डी के प्रकार: बैक्टीरिया जनित संक्रमण: गोनोरिया (Gonorrhea): यह एक आम बैक्टीरियल संक्रमण है, जो यौन संपर्क से फैलता है। इसके लक्षणों में पेशाब करते समय जलन, योनि या लिंग से असामान्य स्राव शामिल हो सकते हैं। क्लैमाइडिया (Chlamydia): यह एक और बैक्टीरियल संक्रमण है, जो आमतौर पर बिना लक्षणों के होता है, लेकिन अगर इसका इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। सिफलिस (Syphilis): यह संक्रमण शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित कर सकता है और यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर परिणाम दे सकता है, जिसमें हृदय, मस्तिष्क और अन्य अंगों को नुकसान पहुंच सकता है। वायरल संक्रमण: एचपीवी (Human Papillomavirus या HPV): यह सबसे आम यौन संचारित वायरस है और इसका संक्रमण गुप्तांगों के पास मस्सों का कारण बन सकता है। कुछ प्रकार के एचपीवी वायरस से गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर हो सकता है। हरपीज (Genital Herpes): यह HSV (Herpes Simplex Virus) के कारण होता है और इसके लक्षणों में जननांगों के पास फफोले या घाव शामिल होते हैं। यह वायरस शरीर में हमेशा के लिए रहता है और समय-समय पर फिर से उभर सकता है। एचआईवी/एड्स (HIV/AIDS): यह वायरस शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करता है और अगर इसका इलाज न किया जाए, तो यह एड्स में बदल सकता है। यह यौन संबंधों के अलावा संक्रमित सुइयों और रक्त के माध्यम से भी फैल सकता है। परजीवी संक्रमण: ट्राइकोमोनिएसिस (Trichomoniasis): यह एक परजीवी संक्रमण है जो जननांगों में खुजली, जलन, और असामान्य स्राव का कारण बन सकता है। जूँ (Pubic Lice): ये छोटे परजीवी होते हैं जो जननांगों के बालों में पाए जाते हैं और खुजली और जलन का कारण बनते हैं। यौन संचारित रोगों के लक्षण: एस.टी.डी के लक्षण अक्सर भिन्न हो सकते हैं और कई बार ये बिना लक्षणों के भी हो सकते हैं। हालांकि, कुछ आम लक्षण निम्नलिखित हैं: पेशाब करते समय जलन या दर्द। योनि या लिंग से असामान्य स्राव। जननांगों के पास खुजली, फफोले या घाव। जननांगों में सूजन। गुदा क्षेत्र में दर्द। हालांकि कुछ एस.टी.डी जैसे एचआईवी और सिफलिस गंभीर हो सकते हैं और शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए शुरुआती जांच और इलाज बेहद महत्वपूर्ण है। यौन संचारित रोग कैसे फैलते हैं? एस.टी.डी मुख्य रूप से निम्नलिखित तरीकों से फैलते हैं: बिना कंडोम के यौन संपर्क (योनि, गुदा या मुखमैथुन के दौरान)। संक्रमित सुइयों या रक्त का उपयोग (जैसे ड्रग्स के लिए साझा की गई सुइयों के माध्यम से)। संक्रमित मां से बच्चे में प्रसव के दौरान। दूषित रक्त का संक्रमण। एस.टी.डी से बचाव कैसे करें? एस.टी.डी से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं: सुरक्षित यौन संबंध: हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करें। यह सबसे प्रभावी तरीका है यौन संचारित रोगों से बचने का। नियमित जांच कराएं: यदि आप यौन रूप से सक्रिय हैं, तो नियमित रूप से एस.टी.डी की जांच कराना जरूरी है, खासकर अगर आपके एक से ज्यादा यौन साथी हैं। एक ही साथी के साथ संबंध बनाए रखें: एस.टी.डी का खतरा कम करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप एक ही साथी के साथ यौन संबंध रखें और दोनों का एस.टी.डी टेस्ट कराया हो। टीकाकरण: कुछ एस.टी.डी जैसे एचपीवी से बचाव के लिए टीका उपलब्ध हैं, जिन्हें पहले से लेना सुरक्षित होता है। एस.टी.डी का इलाज: सभी यौन संचारित रोगों का इलाज नहीं किया जा सकता, लेकिन ज्यादातर बैक्टीरियल संक्रमणों का इलाज एंटीबायोटिक्स से किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, गोनोरिया और क्लैमाइडिया का इलाज दवाइयों से संभव है। हालांकि, वायरल संक्रमण जैसे हरपीज और एचपीवी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन दवाइयों के जरिए लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। निष्कर्ष: यौन संचारित रोग (एस.टी.डी) गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं अगर इन्हें समय पर इलाज न मिले। इनसे बचाव के लिए जागरूकता और सुरक्षात्मक उपाय अपनाना बेहद जरूरी है। एस.टी.डी की जांच करवाना और सुरक्षित यौन व्यवहार का पालन करना आपको और आपके साथी को इन बीमारियों से सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है। अगर आपको एस.टी.डी के लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।



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