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रामगढ़:फर्जी डॉक्टरों की लिस्ट बनाकर एनआरएचएम का करोड़ों रुपया हड़पने वाला अनुसेवक अमजद हुसैन गिरफ़्तार।

location_on रामगढ़ access_time 29-Aug-24, 09:56 AM

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स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अमजद हुसैन को किया पुलिस के हवाले रामगढ़। स्वास्थ्य विभाग में फर्जी डॉक्टरों की लिस्ट बनाकर राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन का करोड़ों रुपया हड़पने वाला अनुसेवक अमजद हुसैन गिरफ्तार कर लिया गया है। रामगढ़ थाने में बुधवार को अमजद हुसैन से पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा गठित की गई टीम पूछताछ कर रही है। जिन पांच डॉक्टरों के नाम पर पिछले डेढ़ वर्षो से अवैध निकासी की जा रही थी, उनके बैंक खातों का पूरा डिटेल भी निकाला जा रहा है। अलग-अलग बैंकों में अमजद हुसैन और उसकी पत्नी के नाम पर फिलहाल पांच खातों का पता चला है। इसमें लगातार वेतन के नाम पर पैसे ट्रांसफर किए जा रहे थे। उसने यह गोरखधंधा कितने वर्षों तक किया है, इसका पता लगाया जा रहा है। बैंक खाता सिर्फ रामगढ़ में ही है या दूसरे जिले में रखे गए हैं इस बिंदु पर भी जांच चल रही है। कैसे हासिल किए गए थे डॉक्टर के पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज अधिकारियों की टीम इस बात की भी जांच कर रही है कि अमजद हुसैन ने देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज कैसे हासिल किया। जबकि रामगढ़ जिले में वह चिकित्सक कभी मौजूद ही नहीं रहे हैं। महाराष्ट्र के डॉक्टर राहुल उमरे के अलावा डॉक्टर संगीता बडाईक, डॉ वीणा कुमारी, डॉक्टर टी चक्रवर्ती और सरिता कुमारी अलग-अलग जगह के रहने वाले हैं। जांच के दौरान प्रथम दृष्ट्या यह पता चला है कि चार चिकित्सक और एक स्वास्थ्य कर्मी को डेढ़ वर्षो में 90 लाख 26 हजार 840 रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। दिसंबर 2022 से डॉक्टर राहुल उमरे को अब तक बैंक ऑफ़ इंडिया के अकाउंट में 19 लाख 40 हजार 135 रुपए, डॉक्टर संगीता बडाईक को स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के खाते में 24 लाख 86 हजार 135 रुपए, डॉक्टर वीणा कुमारी को बैंक ऑफ़ बड़ौदा के खाते में 22 लाख 65 हजार 110 रुपए, डॉक्टर टी चक्रवर्ती को एचडीएफसी बैंक के खाते में 19 लाख 87 हजार 385 रुपए और सरिता कुमारी को स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के खाते में 3 लाख 48 हजार 75 रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। ऐसी संभावना जताई गई है कि लगभग 10 करोड़ का गबन किया जा चुका है। कई अधिकारियों पर लटक रही तलवार डीसी चंदन कुमार ने यह संभावना जताई है कि सिर्फ एक अनुसेवक अकेले इतना बड़ा घोटाला नहीं कर सकता है। इस मामले में कई बड़े अधिकारियों की संलिप्तता अवश्य होगी। यही वजह है कि जांच कमेटी पिछले 10 वर्षों में स्वास्थ्य विभाग में वित्तीय लेनदेन और वेतन को लेकर सारी संचिका खंगालेगी। जिन अधिकारयों की भी संलिप्तता उजागर होगी, उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। डीसी ने यह भी संभावना जताई है कि घोटाले का यह खेल सिर्फ रामगढ़ जिले तक ही सीमित नहीं है। राज्य सरकार को भी इस मामले में पत्र लिखा जाएगा। अन्य जिलों में भी अगर जांच की जाए तो ऐसे घोटाले जरूर सामने आएंगे।




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