जाधव विजया नारायण राव की पहचान सख्त अधिकारी के रूप में रही है। वे पुणे (महाराष्ट्र) की मूल निवासी हैं। 2015 बैच की आइएएस जाधव नारायण इससे पूर्व झारखंड के पश्चिम सिंहभूम (चाईबासा) की उपायुक्त, गिरिडीह में अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीएम) व हजारीबाग में उपविकास आयुक्त (डीडीसी) के पद पर भी रह चुकी हैं। अब तक इनकी पहचान एक कड़क अधिकारी के रूप में रही है। निधि खरे व हिमानी पांडे के बाद विजया जाधव पूर्वी सिंहभूम जिले में उपायुक्त बनने वाली तीसरी महिला अधिकारी हैं।
भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस
विजया जाधव भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस वाली कार्यशैली के लिए जानी जाती हैं। इससे पहले जब उन्होंने गिरिडीह में एसडीएम के रूप में पदभार संभाला था, तो आते ही तमाम अतिक्रमण पर बुलडोजर चलवा दिया था। वहां इन्होंने शराब के अवैध धंधों को बंद कराया था। जहां कहीं भी उन्हें गलत कार्य की सूचना मिलती थी, तुरंत धावा बोल देती थीं। मात्र 10 माह के कार्यकाल में विजया जाधव ने वह कर दिखाया, जो अब तक किसी एसडीएम ने नहीं किया था। गिरिडीह के बाद जब हजारीबाग की उप विकास आयुक्त (डीडीसी) बनीं, तो वहां भी कई मामलों की फाइल उधेड़ दी।
पिता रहे पुलिस अधिकारी
आइएएस विजया जाधव नारायण राव के पिता नारायण जाधव राव पुलिस अधिकारी थे। वे महाराष्ट्र पुलिस में डीएसपी रहे थे। उनका 23 फरवरी को ही पुणे में निधन हो गया।
पिता का सपना था कि बेटी कलेक्टर बने
अपने दिवंगत पिता को याद करते हुए कहा कि पिताजी का सपना था कि उनकी बेटी एक दिन कलेक्टर बने। पिताजी की अच्छी यादों एवं आशीर्वाद से कलेक्टर के रूप में पदभार ले रही हूं। सभी के सहयोग से प्रयास करूंगी कि सरकार की प्राथमिकताओं एवं जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतार सकूं। 2015 बैच की आईएएस अधिकारी जाधव विजया नारायण राव का जिला दंडाधिकारी के रूप में पूर्वी सिंहभूम में पहला पदस्थापन है। इसके पहले निदेशक, नगरीय प्रशासन, नगर विकास एवं आवास विभाग, झारखंड, डीडीसी हजारीबाग, एसडीएम गिरिडीह के पद पर रहीं।