विश्व युवा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश यादव ने राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर पटना स्तिथ अपने निवास स्थान पर स्वामी विवेकानंद जी के जयंती उनके तैल्य चित्र पर पुष्प अर्पित कर मनाया। यादव ने कहा कि 12 जनवरी 1863 को माता भुवनेश्वरी देवी एवं पिता विश्वनाथ दत्त के पुत्र के रूप में स्वामी विवेकानंद जी ने जन्म लिए जिनके बचपन के नाम नरेंद्र दत्त थे। विवेकानद जी ने अपने अल्प जीवन मे ही भारतीय संस्कृति को पूरे विश्व मे स्तथापित किए परिणाम स्वरूप आज भी अमेरिका और यूरोप में आध्यात्मिक दर्शन वेदांता को पढ़ा जाता हैं। शिकागो धर्म सम्मेलन में उन्होंने मात्र दो मिनट के भाषण जिसकी शुरुआत "मेरे अमेरिकी बहनों एवं भाइयो" से हुई थी ने अमेरिका ही नही पूरे दुनिया को दिल जीत लिया था। उनका कथन "उठो ,जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए" वर्तमान में प्रत्येक युवाओं को आत्मसात करने की जरूरत है।स्वामी विवेकानंद ने धर्म को जिस आध्यात्मिक रूप में स्तथापित किया वो समूची मानव सभ्यता के लिए कल्याणकारी है, उनके आध्यात्मिक गुरु रामकृष्ण परमहंस थे जिनके सम्मान में उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना किए जो आज भी युवाओं में प्राकृतिक से जुड़ाव के साथ आद्यात्म और ब्रह्मचर्य के रास्ते अपने जीवन को कैसे सफल बनायें इसकी गूढ़ ज्ञान फैला कर देश सेवा कर रहे है। यादव ने कहा कि सभी युवाओं को पहले तन,मन,क्रम और वचन से अश्लीलता को त्याग कर आंतरिक रूप से मजबूत युवा बने जिनके चेहरे पर ओजस्विता हो,लालाटों में चमक हो,हृदय में करुणा,बुद्धि में विवेक आदि हो वैसे युवा ही सच्चे मायने में अपने राष्ट्र,समाज और परिवार सहित पूरे मानव को कल्याण की मार्ग दिखा सकता है। वैसे युवा जो जो आंतरिक शक्ति खो चुका हो वो ना खुद और ना ही राष्ट्र और समाज के हित मे कुछ कर पाएगा।