भारत में, 21 मई को राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन 1991 में पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी, जिसने दुनिया को हिलाकर रख दिया था। राजीव गांधी भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे। उन्हें देश के छठे प्रधान मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था और 1984 से 1989 तक उन्होंने देश की सेवा की।
राजीव गांधी की हत्या लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) के एक आत्मघाती हमलावर ने चेन्नई से 50 किलोमीटर दूर श्रीपेरंबुदूर में रात 10:20 बजे एक चुनावी रैली में की थी। आत्मघाती हमलावर ने एक बेल्ट बम फेंका था जिसमें राजीव गांधी और 16 अन्य मारे गए थे।
भारत सरकार युवाओं को आतंकवाद और हिंसा से दूर कर देश की प्रगति में शामिल करने के लिए बहुत सारी योजनाएं पर काम कर रही है। आज के भारतीय युवा जानते है की आतंकवाद राष्ट्र की सुरक्षा तथा उन्नति के लिए एक सीधा खतरा है और इसलिए इसका समर्थन नहीं करते हैं। आतंकवाद अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में सभी देशों के नागरिकों की सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय स्थिरता और समृद्धि के लिए एक सीधा खतरा है। यह एक सतत वैश्विक खतरा है जिसकी कोई सीमा, राष्ट्रीयता या धर्म नहीं है और यह एक ऐसी चुनौती है जिससे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को मिलकर निपटना चाहिए।
आतंकवाद विरोधी दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों में शांति, मानवता, एकता और सद्भाव का संदेश फैलाना और उन्हें आतंकवाद के असामाजिक कृत्यों से अवगत कराना है।