स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: पेट्रोल और डीजल पर केंद्र और राज्य सरकारों के टैक्स की दर कम करने की मांगों के बीच नीति आयोग ने इन दोनों को जीएसटी में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है। पेट्रोल और डीजल के अलावा बिजली को भी जीएसटी के दायरे में लाने का प्रस्ताव आयोग ने रखा है। पेट्रोल और डीजल शुरू से ही जीएसटी के दायरे से बाहर हैं। अभी इन पर केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क लगाती है और राज्य सरकारें वैट वसूलती हैं। अंग्रेजी दैनिक फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार राज्यों को इन्हें जीएसटी के दायरे में लाने पर सहमत करने के लिए केंद्र सरकार कुछ वर्षों तक क्षतिपूर्ति का ऑफर दे सकती है। यानी अगर राज्यों को पेट्रोल, डीजल और बिजली पर जीएसटी से रेवेन्यू में किसी तरह की कमी आती है तो उसकी भरपाई केंद्र सरकार करेगी।