स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: मध्य प्रदेश में दस दिन पहले तक श्योपुर जिले के किसान आसमान की ओर देखते हुए बारिश का इंतजार कर रहे थे। धान की बोवनी में देरी न हो जाए इसलिए बोरवेल के पानी से फसल लगा ली, लेकिन फिर मानसून ऐसा मेहरबान हुआ कि खेतों में आवश्यकता से अधिक पानी जमा हो गया। खेतों में दो से तीन फीट तक पानी भर गया और इसे न निकालने पर पौध खराब होने की आशंका पैदा हो गई। ऐसे में जिले के आधा दर्जन से अधिक गांवों के 50 से अधिक किसानों ने एक अनूठी तरकीब अपनाई। इससे उन्हें दो फायदे हुए। पहला, खेतों में भरा पानी कम हो गया और दूसरा, सिंचाई के लिए जिस बोरवेल से उन्होंने पानी लिया था।