खलारी - सीसीएल एनके एरिया की चूरी और सुभाष नगर कॉलोनी पिछले 30 घंटे से अंधेरे में है. मंगलवार से लेकर गुरुवार अब तक की बात की जाए तो मात्र 7 घंटे ही बिजली रही . मंगलवार की दोपहर लगभग 3 बजे से इन दोनों कालोनियों में बिजली कट गई थी. जो गुरुवार की शाम बहाल हो सकी. वहीं गुरुवार रात 11:30 बजे के बाद फिर से बिजली चली गई जो अभी तक नहीं आई है . जिसके कारण सीसीएल एनके एरिया के विद्युत एवं यांत्रिक विभाग पर सवाल उठने लगे हैं. दोनों ही कॉलोनी में केडीएच सब स्टेशन से बिजली बहाल होती है. जिसके रास्ते में जंगल पहाड़ होते हुए करीब 5 से 6 किलोमीटर की दूरी पड़ती है. चूरी सीसीएल का एक पायलट प्रोजेक्ट बन गया है, जिसके लिए अलग से बिजली की व्यवस्था कर दी गई है. पहले इस परियोजना में चूरी सब स्टेशन से ही बिजली दी जाती थी. लेकिन बीच रास्ते में फॉल्ट होने से उसे ठीक करने में अधिक समय लगता था. जिसके कारण परियोजना से उत्पादन पूरी तरह ठप रहता था. इसलिए परियोजना को मेन लाइन से ही कनेक्ट कर दिया गया. अब परियोजना मे बिजली की कोई समस्या नहीं है. समस्या अब चूरी और सुभाष नगर कॉलोनी की है. पावर कट होने के बाद विभाग इस पर गंभीरतापूर्वक ध्यान नहीं देता. परियोजना मे बिजली विभाग में कामगारों की अधिक संख्या भी कम है. वही केडीएच स्थित पावर स्टेशन में भी मैन पावर की कमी है. जिसके कारण शटडाउन लेने और देने में काफी परेशानी होती है और काफी समय लगता है. आलम यह है कि चूरी सब स्टेशन ने कर्मियों के अभाव के कारण दो शिफ्ट में ताला लटका रहता है. इस समस्या पर भारतीय मजदूर संघ के एनके एरिया अध्यक्ष सह सुभाष नगर कॉलोनी निवासी मनीष कुमार का कहना है कि सीसीएल को कामगारों की समस्या से कोई मतलब नहीं रह गया है. कामगार 24 घंटे अंधेरे में रहने को मजबूर हैं. क्योंकि परियोजना में बिजली रहने से उनका कोयला उत्पादन और कार्यालय पूरी तरह से चल रहा है. मैन पावर की कमी के कारण मेन लाइन की पेट्रोलिंग नहीं हो पा रही है. जिसके कारण यह समस्या आने वाले दिनों में भी बनी रहेगी. उन्होंने एनके एरिया के महाप्रबंधक संजय कुमार से मांग की है कि इन दोनों कालोनियों के लिए चूरी परियोजना से ही बिजली बहाल की जाए. जो कि मात्र 2 किलोमीटर में ही सीमित रहेगा. ऐसे में आने वाली परेशानियों को भी जल्द ही दूर कर लिया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने बिजली विभाग में कर्मियों की संख्या बढ़ाने की मांग की है.