विभूतिपुर। छठ पर्व देखने राजस्थान से घर आया था। अभिनाश, मनाराय टोल मध्य विद्यालय पोखरा में घाट बनाने के क्रम में पैर फिसलने से हुई मौत। चार दिन पहले राजस्थान से अपनी माँ के साथ छठ पूजा देखने घर आया था अभिषेक, कुमार, घाट बनाने को के लिए गया था जिसमे पैर फिसल गया एवं उसकी मौत डूबने से हो गया। इस हादसे को लेकर आस-पास के गांव में भी मातम का माहौल बना हुआ है। लोगों ने अपने अपने घरों में ही छठ पर्व करने के लिए सामूहिक रूप से निर्णय लेते हुए घर पर ही छठ पर्व करने का निर्णय लिया है। जिसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। जगह-जगह पर पोखरा बनाने के लिए गड्ढा खोदकर बनाया गया है। जिसमें छठ मैया की पूजा की जाएगी। स्थानीय विधायक अजय कुमार, मुखिया जितेंद्र प्रसाद सिंह, पंचायत समिति सदस्य कृष्णमूर्ति, एवं बीडीओ धीरज कुमार, सीओ आदित्य विक्रम एवं थानाध्यक्ष कृष्ण चंद्र भारती ने छठ व्रतियों से अपील करते हुए कहा कि आस्था का पर्व छठ अपने-अपने घर पर ही मनाने के लिए लोगों से अपील की है। बताया जाता है कि अविनाश 3 भाई बहन में सबसे बड़ा भाई था। इससे छोटा भाई आदर्श कुमार, एवं एक बहन मुस्कान कुमारी है। मृतक के मां रूबी देवी का रो रो कर बुरा हाल है। पिता कृष्ण मुरारी राय राजस्थान में रहकर मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है। रूबी देवी ने बताया कि विगत 4 दिन पहले अपने बच्चे के साथ घर आई थी। मेरे पति आने से मना भी किए तो भी हम लोगों ने नहीं माना और अपने घर पर ही छठ मनाने के लिए आ गयी । छठ पर्व को लेकर घाट बनाने के लिए गांव के ही पोखरा पर अपने परिजन एवं दोस्तों के साथ मिलकर गया था। जहां उसके डूबने से मौत हो गई। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम से शव घर आते हैं लोगों का देखने के लिए तांता लग गया। सबकी आंखें नम थी। उनके अंतिम प्रदर्शन के बाद सभी ने नम आंखों से विदाई दीया। इसका अंतिम संस्कार बोरिया घाट पर किया गया । बाबा ने पोते को मुखाग्नि दिया। रोते बिलखते बाबा कारी राय बता रहे थे कि बड़े लाड प्यार से उसे पाला था और सोचा था कि यह पोता मुझे बुढ़ापे का सहारा बनेगा लेकिन दुर्भाग्य आज मुझे ही मुखाग्नि देना पड़ा। इस घटना से आक्रोशित लोगों ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि बिहार सरकार द्वारा संचालित योजना जल जीवन हरियाली अभियान के तहत पोखरे की उड़ाही की गई है। जिसमें संवेदक की लापरवाही की वजह से मिट्टी काटकर काफी गड्ढा कर उसे छोड़ दिया गया। बारिश का पानी आने से जलजमाव काफी हो गया। जिसे छठ करने लायक भी पोखरा नहीं रहा गद्दा अधिक हो गया जिसके कारण पैर फिसला और बच्चे अधिक पानी में चला गया तथा उसकी मौत हो गई ।