राजद प्रदेश महासचिव डी0एन0 सिंह ने हकीम अजमल खाँ की पुण्यतिथि पर खिराजे अक़ीदत पेश करते हुए बताया के अजमल खाँ के दादा, पिता एंव परिवार के सभी सदस्य यूनानी हकीम थे। उनका पुरा नाम मसीह- उल-मुल्क हकीम आजकल खाँ था। उनका परिवार चिकित्सा की प्राचीन शैली का अभ्यास करता था। वे एक सशक्त राजनीतिज्ञ और उचत्म कोटी के शिक्षाविद थे। वे हमेशा कहा करते थे की खुदा इनसान के शरीर के भीतर रहते हैं इसलिये इंसान की ख़िदमत को महत्व देना चाहिए। भारतीयों प्रशंसकों ने उन्हें मसीह- लउल-मुल्क की उपाधी दी। 1920 में हकिम आजकल खाँ ने जामिया मालिया की स्थापना में विशेष योग दान दी। हकीम आजकल खाँ के त्याग, देश भक्ति, और बलिदान के कारण उनका नाम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के इतिहास में सदा अमर रहेगा। उनके बारे में एक कवि ने लिखा कि -प्राण देश के लिए देना शिखा गये, भँवर में पड़ी नाव खेना सिखा गये। हकीम आजकल खाँ के 93 वीं पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शत शत नमन करते हैं।