स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: दिलीप कुमार का जन्म अविभाजित भारत के पेशावर में हुआ था। उनके माता-पिता ने उनका नाम यूसुफ रखा। 1930 में लाला गुलाम सरवर अली खान अपने परिवार के साथ बॉम्बे चले गए। वहीं यूसुफ बड़ा हुआ। युसूफ अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद पुणे के लिए रवाना हो गए। वहां उन्होंने कैंटीन में काम करना शुरू किया। करीब पांच हजार रुपये जमा कर वह मुंबई लौट आया। युसूफ वहां जीविकोपार्जन का कोई जरिया ढूंढ रहा था। कमाने की यह ललक उसे बॉम्बे टॉकीज के दरवाजे तक ले आती है। देविका रानी को युसूफ को देखने का काफी शौक है। उन्हें 1250 रुपये प्रति माह पर बहाल किया गया था। वहां दिलीप की मुलाकात शशाधर मुखर्जी से हुई। दिलीप और शशधर दोनों ने पटकथा लिखने में अशोक कुमार की मदद की। हालांकि देविका ने रानी युसूफ को एक्टिंग पर जोर देने के लिए कहा। उन्होंने नाम दिया दिलीप कुमार।