स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: आपने अपने आस-पास बहुत सारे गाड़ियां देखे होंगे, तो ये भी अक्सर सोचते रहते होंगे कि कार की नंबर प्लेट काली, नीली या पीली क्यों होती है? इसके पीछे का कारण क्या है? तो चलिए आपको बताते है कि अलग-अलग रंग के नंबर प्लेट होने का क्या मतलब है?
1. सफेद रंग का नंबर प्लेट अक्सर उन गाड़ियोंं मेंं होता है जो निजी काम के लिए इस्तेमाल में लाई जाती हैंं। ऐसे गाड़ियों को कमर्शियल कामों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
2. पीले रंग का नंबर प्लेट उन गाड़ियों में देखा जाता है,जिस पर काले रंग से कोड और नंबर लिखे होते हैंं। यह नंबर कॉमर्शियल गाड़ी के लिए होता है।
3. लाल रंग का नंबर प्लेट वाली गाड़ी देश के बड़े लोगों जैसे राज्यपाल या राष्ट्रपति के लिए होता है।
4. कले रंग के नंबर प्लेट उन्हें रजिस्टर होता है जिन्हें आप किराए पर खुद से चलाने के लिए लेते हैं। अधिकतर होटल की रजिस्टर गाडियों का नंबर प्लेट ब्लैक होता है।
5. नीले रंग के नंबर प्लेट डिप्लोमेटिक गाड़ी के लिए होता है. इस कलर का नंबर पुरी दुनिया में प्रचलित है। इसका मतलब है कि उस कार पर उस देश का कोई हक नहींं है. इस पर दूसरे देश का हक है अधिकतर ये गाड़ियां दूतावास की होती है।