गोमिया प्रखंड पारा शिक्षकों के ई-विद्या वाहिनी पोर्टल विवाद में मिला पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद का साथ, कहा अनुमोदन पंजी गायब होना विभागीय लापरवाही, पारा शिक्षक निर्दोष, कहा हम पारा के साथ
गोमिया। गोमिया प्रखंड के पारा शिक्षकों के डेटाबेस को ई-विद्या वाहिनी पोर्टल में अपलोड नहीं होने के कारण अब पारा शिक्षकों को मानदेय व पारा से वंचित हो जाने का डर सताने लगा है।
तो वहीं पूरे मामले से अवगत हुए गोमिया विधायक डॉ. लंबोदर महतो एवं पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद भी पारा शिक्षकों के मुद्दे को राजनीतिक रंग देने में जुट गए हैं। सोमवार को गोमिया प्रखंड कार्यालय पहुंचकर सैकड़ो पर शिक्षकों के इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया। पत्रकारों से कहा कि यह पारा शिक्षकों की लड़ाई नहीं अपितु मेरी लड़ाई है। कहा कि गोमिया प्रखंड शिक्षा समिति के द्वारा पारा शिक्षकों के अनुमोदन की पंजी जो लगभग 7 वर्षों से गायब है और अब तक नही मिल पाई है। इसमें पारा शिक्षक कैसे दोषी हो सकते हैं स्वाभाविक है कि यह विभाग की गलती है और अब तक इस संबंध में मामला क्यों नहीं दर्ज कराया गया। कहा कि अनुमोदन पंजी के नही रहने के कारण पारा शिक्षकों का पूरा डाटा ई विद्या वाहिनी वेबपोर्टल में नही आ पा रहा है, राज्य सरकार ने पिछले वर्ष ही पारा शिक्षकों के सुगम व सरलता से कार्य निष्पादन को लेकर डाटा संचयन के लिए वेबपोर्टल को बनाया है। इसमें निश्चित तिथि तक सभी पारा शिक्षकों का सर्टिफिकेट अपलोड करने का निर्देश दिया गया था। बताया कि गोमिया में अनुमोदन की पंजी गायब होने के कारण प्रखंड के 534 पारा शिक्षकों का डाटा वेबपोर्टल में नही चढाया जा सका है। जिसके समक्ष अब मानदेय नहीं मिलने सहित नौकरी जाने का भी डर सता रहा है।
इस बाबत पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद ने गोमिया अंचल कार्यालय में गोमिया बीडीओ सह प्रभारी सीओ कपिल कुमार, क्षेत्र शिक्षा प्रसार पदाधिकारी सह प्रभारी बीईईओ गोमिया दिनेश मिश्रा के साथ संयुक्त बैठक की और ई-विद्या वाहिनी पोर्टल संबंधित पारा शिक्षकों के स्थाई हल निकालने की बात कही।
उन्होंने कहा कि हर हाल में पारा शिक्षकों का ई-विद्या वाहिनी पोर्टल में डेटाबेस अपलोड किया जाना सुनिश्चित करें। जिस पर प्रभारी बीईईओ ने कहा कि अपरिहार्य कारणों से पोर्टल बंद है पोर्टल खुलते ही डेटा अपलोडिंग शुरू कर दी जाएगी। पोर्टल बंद की खबर पर पूर्व विधायक ने तत्काल बोकारो डीसी से बात कर गोमिया प्रखंड में पारा शिक्षकों की उक्त समस्याओं से अवगत कराया। कहा कि पोर्टल बंद होने से पारा शिक्षकों को अनावश्यक हलकान होना पड़ रहा है। उपायुक्त ने उन्हें आश्वासन दिया कि हर हाल में गोमिया प्रखंड के पारा शिक्षकों का डेटा अपलोड किया जाएगा पोर्टल को पुनः चालू करने की प्रक्रिया की जाएगी, तब कहीं जाकर पूर्व विधायक माने और पारा शिक्षकों को आश्वस्त कर आगे आंदोलन नहीं बढ़ाने की बात कही।
तो वहीं सोमवार की देर शाम होते होते गोमिया विधायक डॉ. लंबोदर महतो ने भी अपने लैटर हेड में पारा शिक्षकों की ई-विद्या वाहिनी पोर्टल में पर शिक्षकों की अनुमोदन संचिका को अपलोड करने के एक पत्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नाम लिख डाला जो सोशल मीडिया में तेजी से घूमने लगा।
बता दें कि 2003-04 से प्राथमिक विद्यालय में ग्राम शिक्षा समिति के माध्यम से पारा शिक्षकों का चयन किया गया था। ग्राम शिक्षा समिति द्वारा चयनित पारा शिक्षकों का प्रखंड स्तर पर प्रखंड शिक्षा समिति के द्वारा अनुमोदन कर जिला को सूचित किया गया था। इन सभी पारा शिक्षकों का अनुमोदन पंजी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी सह प्रखण्ड संसाधन केन्द्र समन्वयक गोमिया के कार्यालय में था। इसी पंजी में लगातार 2002 से 2009 तक के पारा शिक्षकों के चयन की अनुमोदन की सूची थी।
मौजूदा समय में पारा शिक्षक अपनी स्थाईकरण की मांग लेकर आन्दोलनरत हैं। यदि स्थाईकरण की प्रक्रिया शुरू होती है, तो इन पारा शिक्षकों के लिए परेशानी का सबब हो सकती है। संभवतः उनकी कार्यभार भी समाप्त की जा सकती है।
क्या कहते हैं, प्रभारी बीईईओ ?
इस पूरे मामले पर क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी सह प्रभारी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी दिनेश मिश्रा ने बताया कि शिक्षा निदेशक के निर्देशन जरूरी अहर्ताएं वाले अभी कुल 249 पारा शिक्षकों का अनुमोदन पंजी तैयार है जिसे पोर्टल खुलते ही किसी भी क्षण ई-विद्या वाहिनी पोर्टल पर चढ़ाया जा सकता है। शेष बचे लगभग 304 पारा शिक्षकों का अनुमोदन पंजी को अगले उपायुक्त की बैठक के पश्चात उक्त पोर्टल पर अपलोड करा दिया जाएगा।
कहा कि पूरा मामला बेहद ही पेंचीदा होता जा रहा है जिस कारण पोर्टल में अपलोड संबंधित समस्याएं आ रही हैं।
बताया कि पहली समस्या है एज फैक्टर, अनुमोदन तिथि में जिनकी उम्र कम है उसका डेटा तो किसी भी हालत में अपलोड ही नहीं हो सकता है।
दूसरी बड़ी समस्या है ग्राम शिक्षा समिति द्वारा निश्चित वर्ष में निश्चित योग्यता पर चयनित पारा कार्य निर्वाह के दौरान भी कुछ शिक्षक (रेगुलर बेसिक) निरंतर अपनी योग्यता भी बढ़ाते रहे जो बिल्कुल असंभव है। बताया कि पूर्व में भी ऐसे शिक्षक विभाग से भुगतान लेते हुए धोखाधड़ी करते रहे हैं, जिनकी इस संबंध में पूर्व की कार्रवाई में सेवा भी समाप्त किया जा चुका है। ऐसी स्थिति में वे अब इस मामले में फूंक-फूंककर कार्रवाई करना चाहते हैं।
हालांकि उन्होंने शेष पारा शिक्षकों के बारे में पूछे जाने पर यह भी बताया कि जिला कार्यालय बोकारो सर इस संबंध में सुझाव मांगा गया है। कार्यालय से निर्देश के बाद कार्य गति को बढ़ाया जाएगा।
दूसरी ओंर एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा प्रखंड इकाई गोमिया के सैकड़ों पारा शिक्षकों ने बीआरसी कार्यालय से कुछ ही दूरी पर जुटकर अनुमोदन पंजी गायब होने के लिए बीआरसी के कर्मचारियों को जिम्मेवार ठहराते हुए जोरदार विरोध प्रदर्शन करने लगे। संबोधित करते हुए पारा संघर्ष समिति के संदीप प्रसाद ने कहा कि प्रखंड के सभी पारा शिक्षकों को अब तक मानदेय दिया जा रहा है इससे पता चलता है कि उनका अनुमोदन कार्यालय में जमा किया गया था। कहा कि अनुमोदन पंजी बीते 7-8 साल से गायब है। कहा कि पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड करने की निश्चित तिथि अंतिम मार्च में ही बीत चुकी है और किसी भी हालत में 249 पारा शिक्षकों का ई विद्या वाहिनी पोर्टल में डाटा अपलोड होना मंजूर नहीं है। कहा कि अगर डाटा अपलोड होगा तो सभी का होगा अन्यथा किसी का नहीं होगा। कहा कि अन्यथा बाध्य होकर हमे उग्र आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा। शिक्षकों ने अनुमोदन पंजी के गायब मामले में बीआरसी के कर्मचारियों व तत्कालीन प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि इससे पहले भी दो बार पारा शिक्षकों ने अनुमोदन संचिका (स्व अभिप्रमाणित विहित प्रपत्र) को कार्यालय में जमा किया बावजूद इसके ई विद्या वाहिनी वेबपोर्टल में चढ़ाकर ऑनलाइन नहीं किया जा सका। जबकि शिक्षा निदेशक शैलेश चौरसिया ने अपने ज्ञापंक पारा/27/33/2017/2160 में अस्पष्ट निर्देशित है कि 30 मार्च तक जमा करें अन्यथा पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड नहीं होने की स्थिति में अप्रैल से मानदेय का भुगतान रोक दिया जाएगा। कहा कि जब तक प्रभारी बीईईओ व प्रखंड शिक्षा समिति प्रखंड के सभी पारा शिक्षकों के संबंधित विपत्र व जरुरी कागजातों को ई पोर्टल में अपलोड करने का निर्णय नहीं लेती हम आंदोलित पारा शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। कहा कि यदि पारा शिक्षकों का नियोजन व मानदेय रुकती है तो उनका पूरा परिवार भूखों मारने कि स्थिति में सडक पर आ जाएगा और उसका जिम्मेदार प्रखंड प्रशासन होगा।
मौके पर रीतलाल महतो, संतोष रविदास, ओमप्रकाश रवानी, बिनोद किस्कु, मो. सेराज, अमृत मराण्डी, ओमप्रकाश रवानी, मनोज सिंह, अब्दुल अंसारी, धर्मनाथ साव, शंकर ठाकुर, मनोरंजन पटेल, पारा शिक्षिका कविता देवी, रखी देवी, सविता देवी, उषा देवी, समशा खातून आशा देवी आदि मौजूद थी।
बता दें कि बीते 5 मार्च को गोमिया विधायक डॉ. लंबोदर महतो के पहल के बाद पारा शिक्षकों ने अपना अनिश्चित कालीन हड़ताल वापस ने लिया था।
गोमिया विधायक डॉ. लंबोदर महतो के हड़ताल में पहुँचने के बाद उनके 10 अप्रैल तक प्रभारी बीईईओ को डाटा अपलोड करने के निर्देश के बाद शिक्षकों ने हड़ताल को वापस ले लिया था। कहा था कि यदि उक्त तिथि में भी पहल नहीं होती है तो इसके बाद वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करने से भी पीछे नहीं रहेंगे। विधायक महतो ने क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी दिनेश मिश्रा से बात कर पारा शिक्षकों के समस्याओं के निराकरण के लिए 12 अप्रैल को प्रखंड शिक्षा समिति की बैठक बुलाने का समय लिया था। बैठक से असंतुष्ट पारा शिक्षकों ने एक बार फिर आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने का मन बना लिया है।
जिसे अब राजनीतिक रंगों के सहारे श्रेय लेने के लिए विधायक एवं पूर्व विधायक के द्वारा सुलझाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।
राजनीतिकरण में अब पारा का क्या होगा रे... तालियां