रहमते मुस्तफ़ा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट के फाउंडर सैय्यद दानिश ने कहा अल्पसंख्यक रक्षा दिवस आया चला गया कोई तवज्जोह ही नहीं देता सब सिर्फ फोटोशॉप में फ़ोटो जोड़कर याद करेंगे। अल्पसंख्यक को लेकर न एक्टिव हैं न जागरूक अल्पसंख्यक से वोट लेंगे और उनको इमोशनल ब्लैकमेल कर इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा के सरकार ने बहुत संसाधन पैदा कर दिए हैं मगर ग्राउंड लेवल पर जनता इसको किस तरह से प्रमोट करेगी उनके पास नीति नहीं बस सरकार के हर क़ानून की आलोचना करेंगे। अल्पसंख्यक की क्या स्थिति है वो किसी से छिपी नहीं हैं। सच्चर कमिटी की रिपोर्ट व रंगराथन मिश्रा की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा आपकी क्या स्थिति हो चुकी है आपको अंदाज़ा नहीं आज आप आपस मे बंटे हुए हैं मसलक को लेकर सोशल मीडिया पर भसड़ कर रहे हैं एक दूसरे मुसलमान को बदनाम करने के मंसूबे बना रहे हैं। आप अपने आब व अजदाद के बताए रास्तों को छोड़ दिया और अपने मर्ज़ी के मालिक बन गए आज आप हाशिये पे चले गए फिर भी आपको एहसास नहीं। उन्होंने कहा के सरकार घर पर लाकर अधिकार नहीं देगी इसके लिए खुद से जागरूक होकर अधिकार लेना होगा बिना शोर शराबा व हिंसा प्रदर्शन किए हुए। उन्होंने कहा के अल्पसंख्यक के लिए राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर विभाग बने हुए हैं अगर जागरूक हो जाये तो अपनी तक़दीर बदल लें। उन्होंने लोगों से अपील की के जात पात से बाहर आये आपस मे मुहब्बत व खुलूश से पेश आये एक दूसरे के लिए हमेशा बड़ा सोचे और किसी के बारे में भी बदगुमानी न करे। उन्होंने कहा जात पात से देश उन्नति पर नहीं जाएगा बल्कि उसके लिए आपस मे एक दूसरे पर भरोसा करना होगा जात पात के दलदल से बाहर आना होगा और अपने आब व अजदाद के तरीक़ों को ज़िंदा करना होगा तभी डिप्रेशन से दूर बेहतर ज़िन्दगी रहेगी।