टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: कहते है जाको राखे सांईया मार सके ना कोई। शायद यही वजह है कि एक बुजुर्ग महिला चिता से भी जिंदा लौट आई। इस वक्त पुलिस की मदद से इस महिला का दुर्गापुर महकमा अस्पताल मे इलाज चल रहा है। यह घटना है पांडवेश्वर इलाके के वैद्यनाथपुर पंचायत के नामो पाड़ा की जहां 78 वर्षीय पुष्परानि आचार्य ने मौत को भी मात दे दी। मृत समझकर उनका अंतिम संस्कार करने उनको ना सिर्फ शमशान ले जाया गया बल्कि चिता पर भी लेटा दिया गया। मुखाग्नि करने से ठीक पहले बुजुर्ग महिला की शरीर मे हरकत हुई। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर महिला को चिता से उतारकर दुर्गापुर महकमा अस्पताल मे भर्ती कराया। करीब आठ महीने पहले गिरने से पुष्परानि आचार्य का पैर टुट गया था। इसके बाद वह महिला बीमारी के कारण घर मे ही थीं। उनके पति का पहले ही देहांत हो गया है। उनकी दो संतान है। गुरुवार दोपहर को जब महिला कुछ भी ना बोल रही थीं ना उनकी शरीर मे कोई हरकत थी तो परिजनों ने पड़ोसियों को बताया। चुंकि महिला जहां रहती है वह कोरोना के कारण कोरेनटाइन जोन होने के कारण बुलाने पर भी लेटा दिया गया कोई चिकत्सक नही आए। जब काफी देर तक महिला को आवाज लगाने के बाद भी महिला ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो परिजनों और पड़ोसियों को लगा कि महिला की मौत हो चुकी है। इसके बाद महिला को शमशान ले जाया गया और सभी धार्मिक रिती-रिवाजो का पालन करते हुए चिता सजायी गई। मगर मुखाग्नि से ठीक पहले जो हुआ उससे शमशान मे मौजूद सभी आतंकित और भौंचक्के रह गए। चिता पर लेटी महिला के शरीर मे हरकत हुई। आनन फानन मे पुलिस को खबर दी गई। फिलहाल पुष्परानि आचार्य वहीं इलाजरत है। घटना से इलाके मे सनसनी फैल गई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। बिना डेथ सर्टिफिकेट के शमशान मे दाह संस्कार क्यो किया जा रहा था या इस पुरे घटनाक्रम मे महिला के बेटो की क्या भुमिका है पुलिस इन बिंदुयो पर जांच कर रही है।